Kaushambi News: 200 साल पुराने झारखंडी मंदिर की हो रही थी खुदाई, मिट्टी से निकली ऐसी चीज की आंखें फटी की फटी रह गईं
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Kaushambi News: 200 साल पुराने झारखंडी मंदिर की हो रही थी खुदाई, मिट्टी से निकली ऐसी चीज की आंखें फटी की फटी रह गईं

Kaushambi News: झारखंडी मंदिर की खुदाई करते हुए एक प्राचीन मूर्ति मिली जिसके देखने के लिए लोग दूर-दूर से आने पर मजबूर हो गए.....

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Kaushambi News: यूपी में बुलडोजर एक्शन ज़ोर-शोर से चल रहा है, इन्हीं सब के बीच झारखंडी मंदिर की खुदाई करते हुए एक प्राचीन मूर्ति मिली जिसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आने पर मजबूर हो गए है. दरअसल, नगर पंचायत में झारखंडी मंदिर में खुदाई के दौरान एक प्राचीन मूर्ति मिली है. इस मूर्ति की पुष्टी तो नहीं हुई है लेकिन बहुत से लोगों का मानना है कि यह मूर्ति भगवान नारायण या शिव-पार्वती की है. मूर्ति मिलते ही श्रद्धालुओं ने उसे मंदिर प्रांगण में रख दिया और उसकी पूजा-पाठ करने लग गए. जिसके बाद पुलिस को इस बात की सूचना दी गई. सूचना मिलने के बाद पुलिस मौके पर पहुंच गई. 

मंदिर का सुंदरीकरण
आपको बता दें कि यह झारखंडी मंदिर दो सौ साल पुराना है जहां हर साल मेला लगता है. इस मंदिर में आसपास के इलाके से लोग पूजा-पाठ करने आते है. इन दिनों शरीरा निवासी धीरेंद्र सिंह मंदिर में सुंदरीकरण करा रहे थे. लोगों ने बताया कि सोमवार को मंदिर के प्रांगण में बुलडोजर से परिसर से कुछ मिट्टी की खुदाई हुई है. जिसके बाद मंगलवार को सुबह मिट्टी हटाकर देखा तो वहां एक मूर्ति मिली जिसके बारें में पता चलने के बाद वहां ग्रामीणों की भीड़ इकट्ठा हो गई. मूर्ति को देखने के बाद श्रद्धालु यह कयास लगाने लगे की यह मूर्ति करीब एक हजार साल पुरानी भगवान नारायण या शिव-पार्वती की मूर्ति हो सकती है. 

मंदिर समिति के सदस्यों से चर्चा
मूर्ति की अभी अधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है. जैसे ही लोगों ने यह मूर्ति देखी तो वह लोग उसे मंदिर परिसर में सुरक्षित रखते हुए उसकी पूजा-पाठ करने लगे. उस मूर्ति के आगे भजन-कीर्तन भी किए. कुछ लोगों ने इस मुर्ति की सूचना पुलिस को दी. जिसके बाद पुलिस भी मौके पर पहुंची. थानाध्यक्ष आशुतोष सिंह ने कहा कि मूर्ति प्राचीन लग रही है. यह मूर्ति कितनी पुरानी है और किस भगवान की है इसके बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है. मंदिर समिति के सदस्यों से चर्चा करके पुरातत्व विभाग को पत्र भेजा जाएगा, ताकि मूर्ति की प्राचीनता का पता लगाया जा सके. 

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