गोरखपुर: गोरखपुर के चौरीचौरा इलाके के रहने वाले अनिल कुमार पांडेय ने दिनभर की व्यस्तता के बाद देर शाम को जब अपना मोबाइल चेक करना शुरू किया तो अपनी बेटी के नंबर से आए मैसेज को देख कर उनके पैरों के नीचे से जमीन खिसक गई. उनकी 23 साल की बेटी काजल ने उनको जो तस्वीरें और मैसेज भेजी थी उसमें लिखा हुआ था 'ले लिया तुम्हारा बदला, तुम्हारी बेटी की जान लेकर, जा रही थी ऑफिस. कई महीनों बाद यह मौका मिला है. ऐसे बाप हो तुम कि लड़की की लाश भी तुम्हें नसीब नहीं होगी. इसी जगह मारकर लाश फेंका है.' इस मैसेज में काजल की लहू-लुहान कई तस्वीरें भी थीं. तस्वीरों में उसके शरीर से कई जगहों पर खून निकल रहे थे. इस मैसेज को पढ़कर अनिल ने अपने परिवार और पड़ोसियों को फोन करना शुरू किया और कुछ देर में ही काजल के अपहरण और हत्या की कहानी फैलने लगी. 


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काजल मंगलवार को सुबह अपने पिता से यह कहकर निकली थी कि वह जिस ऑफिस में काम करती है, वहां जा रही है. उसे वहां का माहौल अच्छा नहीं लग रहा है और आज हिसाब-किताब कर के ही वापस लौटेगी. जब उसके पिता ने पूछा कि आज मुहर्रम है ऑफिस तो बंद होगा तो उसने कहा नहीं ऑफिस खुला है. आज हिसाब करके लौटूंगी. परिवार के लोग समझ रहे थे कि काजल अपने ऑफिस में है. लेकिन, इस मैसेज से सभी दहल गए.



अनिल ने थाने पहुंचकर पुलिस को सूचना दी और पुलिस ने मामला दर्ज तक जांच शुरू कर दी. सबसे पहले पुलिस ने काजल के मोबाइल नंबर को ट्रेस करना शुरू किया और सर्विलांस की मदद से घटना के पहले और बाद में उस नंबर पर आए और की गई सभी कॉल की जांच की. इस पड़ताल के दौरान पुलिस को कुछ ऐसा क्लू मिला जिसने उसकी जांच को एक विशेष दिशा में मोड़ दिया. पुलिसिया जांच के दौरान चौरीचौरा के व्यापारियों और स्थानीय लोगों ने पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए और पुलिस पर इस मामले के खुलासे के लिए काफी दबाव बनने लगा और आखिरकार 5 दिन बाद जब चौरीचौरा पुलिस ने इस कथित हत्याकांड का खुलासा किया तो सभी की आंखें खुली की खुली रह गई. जिस काजल की हत्या की जांच पुलिस कर रही थी वह अपने प्रेमी के साथ थाने में खड़ी मिली.


पूछताछ में काजल और उसके प्रेमी ने बताया कि काजल के पिता उसे अक्सर प्रताड़ित किया करते थे और वह अपने परिवार की टोकाटोकी से काफी परेशान थी. डेढ़ साल पहले सोशल एप के जरिए उसकी मुलाकात आगरा के रहने वाले हरि मोहन से हुई. डेटिंग एप के जरिए बातचीत आगे बढ़ी और यह दोस्ती एक ऐसी प्रेम कहानी में बदल गई जहां पर काजल को हरि मोहन के अलावा कुछ और नहीं समझ आ रहा था. 


घरवालों की प्रताड़ना से तंग आकर काजल ने हरि मोहन के साथ मिलकर घर से भागने का प्लान बनाया. लेकिन उसको डर था कि अगर वह पकड़ी गई तो उसके पिता उसको छोड़ेंगे नहीं. ऐसे में उसने अपनी झूठी हत्या की साजिश रची और परिवार वालों को गुमराह करने की कोशिश की गई. मैसेज भेजने के बाद यह दोनों आगरा चले गए और अपने एक रिश्तेदार के जरिये काजल यहां चल रहे पूरे घटना पर निगाह रखी हुई थी. काजल ने सोचा था कि इस तरह की तस्वीर और धमकी वाले मैसेज भेज कर वह अपने पिता के साथ सभी को गुमराह कर देगी और अपने प्रेमी के साथ आजाद होकर पूरा जीवन गुजार लेगी.


लेकिन उसे पता नहीं था कि वह अपने परिवार को तो गुमराह कर सकती है लेकिन कानून को धोखा देना इतना भी आसान नहीं है. सर्विलांस सेल की मदद से काजल का लोकेशन पुलिस ने ट्रेस कर लिया और उसे उसके प्रेमी के साथ गिरफ्तार कर इस पूरे घटनाक्रम का खुलासा कर दिया. जिस प्यार की खातिर काजल ने इतनी बड़ी साजिश को अंजाम दिया और जिस प्यार को पाने के लिए उसने मरने का नाटक रचाया, आज ना तो उसे वो मोहब्बत मिली और ना ही परिवार का साथ.