हल्द्वानी: इस गांव में न आए कोई बाहरी इसलिए ग्रामीण खुद कर रहे पहरेदारी
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हल्द्वानी: इस गांव में न आए कोई बाहरी इसलिए ग्रामीण खुद कर रहे पहरेदारी

  हल्द्वानी जिले के लामाचौड़ गांव के ग्रामीणों से सीखने की जरूरत है. दरअसल गांव में बाहरी लोग न आयें इसके लिए ग्रामीण खुद ही बेरिकेंडिंग लगाकर आने-जानें वाले लोगों की दिन-रात चेकिंग कर रहे हैं और दो लड़के बारी-बारी से इंट्री गेट पर पहरा दे रहे हैं.

हल्द्वानी: इस गांव में न आए कोई बाहरी इसलिए ग्रामीण खुद कर रहे पहरेदारी

विनोद कांडपाल/हल्द्वानी: कोरोना वायरस की रोकथाम के लिए पूरे प्रदेश को 3 मई तक लॉकडाउन किया गया है. इस दौरान लोगों को सिर्फ जरूरी चीजों के लिए ही बाहर जाने दिया जा रहा है. लेकिन कुछ लोग ऐसे हैं जो बिना किसी काम के बाहर निकल रहे हैं और लॉकडाउन को तोड़ रहे हैं. ऐसे लोगों को हल्द्वानी जिले के लामाचौड़ गांव के ग्रामीणों से सीखने की जरूरत है. दरअसल गांव में बाहरी लोग न आयें इसके लिए ग्रामीण खुद ही बेरिकेंडिंग लगाकर आने-जानें वाले लोगों की दिन-रात चेकिंग कर रहे हैं और दो लड़के बारी-बारी से इंट्री गेट पर पहरा दे रहे हैं.

हल्द्वानी शहर से करीब 12 किलोमीटर की दूरी स्थित लामाचौड़ गांव में ग्रामीण खुद ही सुरक्षा व्यवस्था में जुटे हुए हैं. ग्रामीणों ने गांव के इंट्री प्वॉइंट पर लकड़ियों से बेरिकेडिंग की है. बेरिकेडिंग के ऊपर एक बैनर भी लगाया है जिसमे लिखा है कि 'गांव में बाहरी ब्यक्ति का आना मना है. कभी अगर कोई बाहरी व्यक्ति आने की कोशिश करता भी है तो उससे पूरी पूछताछ की जाती है. एक रजिस्टर में उसका पता, मोबाइल नंबर और उसके आने का समय नोट होता है जिसको हर दिन नजदीकी पुलिस चौकी में दे दिया जाता है.

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जब इस बारे में ग्रामीणों से बात की गई तो लोगों ने बताया है कि वे किसी भी कीमत पर अपने गांव और अपनी फसल को बर्बाद नही होने देंगे. ग्रामीणों ने कहा कि कोरोना वायरस की वजह से सुरक्षा को देखते हुए बेरिकेडिंग लगाई है और आने-जाने वालों लोगों से पूछताछ की जा रही है. यह इसलिए किया जा रहा है ताकि गांव में कोई बाहरी व्यक्ति न प्रवेश करें.

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