हरीश रावत को लेकर दिए बयान से राजनीतिक गलियारों में हरक सिंह रावत के भविष्य को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.
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संदीप गुंसाई/नैनीताल: 2016 में कांग्रेस का दामन छोड़ बीजेपी का हाथ थामने वाले हरक सिंह रावत (Harak Singh Rawat) के एक बयान से प्रदेश में सियासी सरगर्मियां बढ़ गई हैं.
नैनीताल पहुंचे मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि राजनीति में किसी से ना दोस्ती होती है और ना ही दुश्मनी. हरक सिंह ने कहा कि उनका हरीश रावत (Harish Rawat) से कोई व्यक्तिगत मतभेद नहीं रहा बल्कि उस समय तत्कालीन सीएम रहते जो निर्णय उन्होंने उठाए उसका विरोध किया और फिर कांग्रेस पार्टी भी छोड़नी पड़ी.
गौरतलब है कि, हरक सिंह का ये बयान ऐसे वक्त में आया है जब हरीश रावत ने कांग्रेस में वापसी करने के इच्छुक नेताओं का स्वागत किया है. कुछ दिन पहले हरीश रावत ने ट्वीट किया था कि 'मैं, किसी के अन्दर आने की राह में खड़ा नहीं हूं. यहां तक कि, यदि मुझको गाली देकर के आना चाहते हैं तो आयें, मगर तत्काल आयें.'
साथ ही उन्होंने दूसरे ट्वीट में लिखा था, 'मैं कहीं भी, किसी की राह में नहीं, बल्कि जो राह बनाने के लिये मेरी मदद लेना चाहते हैं, कोई भी व्यक्ति हो, तो मैं उनके साथ खड़ा होने के लिये उत्सुक हूं.'
एक-दो दोस्तों ने मुझसे सवाल किया कि, मैं कुछ लोगों को पार्टी के अन्दर क्यों नहीं आने देना चाह रहा हॅू, जो दूसरी जगह बेचैन हैं। मैं, किसी के अन्दर आने की राह में खड़ा नहीं हॅूं। यहां तक कि, यदि मुझको गाली देकर के आना चाहते हैं तो आयें, मगर तत्काल आयें। जिस समय हम कमजोर हैं,
— Harish Rawat (@harishrawatcmuk) January 23, 2020
हरीश रावत के इस ट्वीट के बाद उत्तराखंड की राजनीति में एक बार फिर दलबदल की अटकलें तेज हो गई थी. वहीं, हरक सिंह रावत के नरम तेवर से भविष्य में सियासी उठापटक को लेकर कयास लगाए जाने शुरू हो गए हैं.
दरअसल, 18 मार्च 2016 की घटना उत्तराखंड की राजनीति में एक भूचाल लेकर आई थी. कांग्रेस के कई दिग्गज नेता हरक सिंह रावत, विजय बहुगुणा सहित 9 विधायकों ने पार्टी छोड़ हरीश रावत सरकार को अल्पमत में ला दिया था. इस पूरे दलबदल के सूत्रधार रहे हरक सिंह रावत के सुर हरीश रावत को लेकर अब बदल चुके हैं.
बता दें कि, हरक सिंह रावत पिछले 3 वर्षों से त्रिवेंद्र मंत्रिमंडल में कई बार मुखर भी हो चुके हैं. ऐसे में हरीश रावत को लेकर दिए बयान से राजनीतिक गलियारों में हरक सिंह रावत के भविष्य को लेकर सवाल उठने शुरू हो गए हैं.