Independence Day 2023 Tricolor Flag History : भारत में अलग भाषा, धर्म , जात और प्रान्त, भेष, परिवेश,सब कुछ अलग अलग है लेकिन गौरव राष्ट्रध्वज तिरंगा श्रेष्ठ' है और एक है, आज़ादी के दिन जब हम देश का झंडा फहराते है तो हमारा मन जोश से भर जाता है साथ ही हम सब के रोंगटे खड़े हो जाते है. तिरंगा एक झंडा नहीं बल्कि करोड़ों लोगों की आन-बान-शान और सम्मान है. आइए जानते देश के तिरंगे झंडे से जुड़ी रोचक बातें जो आपको नहीं पता होंगी.
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Independence Day 2023 Tricolor Flag History : राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास
हिंदुस्तान के राष्ट्रीय ध्वज वर्तमान स्वरूप यानि में 22 जुलाई 1947 को आयोजित संविधान सभा की बैठक में अपनाया गया था. इस सब से पहले 1921 में आंध्रप्रदेश के पिंगली वेंकैया ने ही देश की एकता को ध्यान में रखते हुए भारत का तिरंगा झंडा तैयार किया , लेकिन उस समय तिरंगे में केसरिया रंग की जगह लाल रंग हुआ करता था. ये लाला रंग हिंदुओ के लिए था हरा मुस्लिम और सफ़ेद रंग सभी धर्म का प्रतीक होता है. तिरंगे को प्रगति के रूप में चरखे को झंडे में लगाया गया था, बाद में 1931 से लाल रंग को हटाकर केसरिया रंग का इस्तेमाल तिरंगे झंडे में किया जाने लगा था.
जब जवाहर लाल नेहरू ने पहली बार फहराया झंडा
हमारे देश को जब ब्रिटिश शासन से स्वतंत्रता मिली तब पहली बार 22 जुलाई 1947 को भारतीय संविधान सभा की बैठक के बाद तिरंगे झंडे को आधिकारिक तौर पर राष्ट्रीय ध्वज बनाया गया था. इसके बाद 15 अगस्त 1947 और 26 जनवरी 1950 "तिरंगा" शब्द भारतीय राष्ट्रीय ध्वज मिला था. सबसे पहले भारत के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू तिरंगा झंडा स्वतंत्रता दिवस के दिन फहराया था.
राष्ट्रीय ध्वज की लंबाई-चौड़ाई
तिरंगा झंडा यानि राष्ट्रीय ध्वज एक क्षैतिज तिरंगा कहलाता है जो ठीक ऊपर से गहरे केसरिया (केसरी), बीच में सफेद और सबसे नीचे गहरे हरे रंग का समान अनुपात में बना हुआ है. इसके सफेद पट्टी के केंद्र में एक गहरे नीले रंग का पहिया दिखाई देता है. इसका डिजाइन उस पहिये का है जो अशोक के सारनाथ सिंह राजधानी अबैकस में स्थित है, इसके व्यास में देखे तो सफेद पट्टी की चौड़ाई के बराबर होती है और इसमें 24 तीलियां हैं.
तिरंगे का रंग
हमारे राष्ट्रीय ध्वज में सबसे ऊपर केसरिया रंग होता है, जो देश की ताकत और साहस को दिखाता है. बीच में सफेद रंग धर्म चक्र के साथ शांति और सच्चाई का संकेत देता रहता है , और आख़िर में पट्टी हरे रंग की होती है जो भूमि की उर्वरता, वृद्धि और शुभता को दिखाती है.
तिरंगे में चक्र
इस धर्म चक्र में तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व मौर्य सम्राट अशोक द्वारा बनाई गई सारनाथ सिंह राजधानी में "व्हील ऑफ द लॉ" को दिखाया गया है