केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2012 से 2016 के बीच हमीरपुर इलाके में अवैध खनन की जांच के लिए दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है.
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नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में कथित अवैध खनन मामले में प्रवर्तन निदेशालय ने ताजा कार्रवाई करते हुए आईएएस अधिकारी बी चंद्रकला और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता समेत चार लोगों के खिलाफ समन जारी किया है. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि केंद्रीय जांच एजेंसी ने 2012 से 2016 के बीच हमीरपुर इलाके में अवैध खनन की जांच के लिए दायर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की प्राथमिकी का संज्ञान लेने के बाद धनशोधन रोकथाम कानून (पीएमएलए) के तहत एक आपराधिक मामला दर्ज किया है.
सीबीआई ने कहा है कि उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव इस दौरान खनन पोर्टफोलियो संभाल रहे थे, इसलिए इस मामले में उनकी भूमिका की जांच की जा रही है.
सूत्रों ने बताया कि चंद्रकला और विधान परिषद में सपा के सदस्य रमेश कुमार मिश्रा को ईडी ने समन जारी कर अगले सप्ताह लखनऊ में मामले के जांच अधिकारी के समक्ष पेश होने को कहा है. उन्होंने बताया कि पीएमएलए के तहत दो अन्य अधिकारियों को भी समन जारी किया गया है.
सीबीआई ने इस महीने की शुरुआत में 11 लोगों के खिलाफ दर्ज प्राथमिकी के सिलसिले में 14 स्थानों पर छापे मारे थे. उसने 2012-16 के दौरान हमीरपुर जिले में अवैध खनन की जांच के सिलसिले में छापे मारे. जिन लोगों के खिलाफ सीबीआई ने प्राथमिकी दर्ज की है उनमें चंद्रकला, मिश्रा और संजीव दीक्षित (दीक्षित ने बसपा टिकट पर 2017 का विधानसभा चुनाव लड़ा और हार गए) शामिल हैं.
(इनपुट- भाषा)