Indian Railways fact: भारतीय रेलवे की गिनती दुनिया के सबसे बड़े नेटवर्क में होती है. इसे भारत की लाइफलाइन भी कहा जाता है. रेलवे की ओर से यात्रियों की सुरक्षा के लिए जरूरी कदम उठाए जाते हैं. आपने भी एक न एक बार इससे सफर जरूर किया होगा. लेकिन रेलवे से जुड़े कई नियम, साइन, उपकरण आदि ऐसे होते हैं, जिनके बारे में ज्यादातर लोग नहीं जानते हैं. अगर ध्यान दिया हो तो देखा होगा कि पटरी किनारे खंभे लगे होते हैं. जिन पर नंबर लिखा होता है, आइए जानते हैं इसका क्या मतलब होता है और क्यों लगाया जाता है. 


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दरअसल, ट्रेन से सफर करते समय हमारी आंखों के सामने कई ऐसी चीजें आती हैं, जिनका मतलब हमें नहीं पता होता है. लेकिन इनको हम नजरअंदाज कर देते हैं. इन्हीं में से एक है पटरी किनारे लगे खंभे. इनको सफर करते समय ज्यादातर लोगों ने जरूर देखा होगा लेकिन ये क्यों लगाए जाते हैं, इस पर शायद ही आपका ध्यान गया हो. दरअसल रेलवे की भाषा में इन खंभों को मास्ट कहा जाता है. ज्यादातर ये मास्ट कंक्रीट के होते हैं. ये किसी अन्य धातु के भी हो सकते हैं. 


इन मास्ट के बीच में आमतौर पर 60 मीटर की दूरी रहती है लेकिन अगर घुमावदार ट्रैक है तो दो मास्ट के बीच की दूरी को कम भी किया जा सकता है. रेलवे के इन खंभों पर देखा होगा कि 12/8 या 73/7 जैसे नंबर लिखे होते हैं. जो सुरक्षा के लिहाज से बेहद काम के होते हैं. रेलवे ट्रेन का संचालन करने में कितनी सतर्कता बरतता है, इसका अंदाजा आप इन पोल और इन पर लिखे नंबर की उपयोगिता से लगा पाएंगे.


खंभों पर क्यों लिखे होते हैं नंबर
इन मास्ट पर लिखे नंबर सीधे तौर पर यात्रियों के काम के नहीं होते हैं लेकिन आपात स्थिति या दुर्घटना से बचाने में इनकी भूमिका बेहद अहम हो जाती है. दरअसल पटरी खराब होने पर यह हादसे की वजह बन सकती है. लोको पायलट इन नंबर के जरिए जानकारी देता है कि इस नंबर के पास पटरी खराब है. इन नंबर के जरिए पता चल जाता है कि कहां का ट्रैक खराब है, जिसे ठीक करने में आसानी रहती है.


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