जुमे की नमाज़ से पहले यूपी में सुरक्षा कड़ी, प्रदेश के इन 14 ज़िलों में इंटरनेट बंद
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जुमे की नमाज़ से पहले यूपी में सुरक्षा कड़ी, प्रदेश के इन 14 ज़िलों में इंटरनेट बंद

नागरिकता क़ानून पर विरोध को देखते हुए कल होने वाली जुमे की नमाज़ से पहले प्रदेशभर में सुरक्षा कड़ी की गई है.

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी में 10 दिसंबर से अब तक की कार्रवाई में पूरे प्रदेश में अबतक कुल 213 एफआईआर दर्ज हुई है

नई दिल्ली: नागरिकता क़ानून पर विरोध को देखते हुए कल होने वाली जुमे की नमाज़ से पहले प्रदेशभर में सुरक्षा कड़ी की गई है. यूपी के 14 ज़िलों में इंटरनेट सेवा को भी बंद कर दिया गया है. जिन ज़िलों में इंटरनेट सेवा बंद है उनमें ग़ाज़ियाबाद (आज रात 10 बजे से), बुलंदशहर, आगरा, संभल, मुज़फ़्फ़रनगर, बिजनौर, सहारनपुर, फिरोज़ाबाद, अलीगढ़, मथुरा, शामली, कानपुर, सीतापुर और मेरठ शामिल है. 

सरकार ने शुरू की रिकवरी की कार्रवाई 
यूपी में नागरिकता क़ानून के विरोध में हुए हिंसक प्रदर्शन पर सरकार ने कार्रवाई शुरू कर दी है. प्रदेश के अलग अलग ज़िलों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने के आरोप में 373 लोगों को नोटिस भेजा गया है. जुर्माना नहीं भरने वालों की संपत्ति जब्त की जाएगी. सबसे ज्यादा मुरादाबाद में 200 उपद्रवियों की संपत्ति ज़ब्त करने का नोटिस दिया गया है. लखनऊ में 110, फ़िरोज़ाबाद में 29 और गोरखपुर में 34 उपद्रवियों को संपत्ति ज़ब्त करने का नोटिस दिया गया है.  

सीएए के खिलाफ प्रदर्शन, तोड़फोड़ और आगजनी में 10 दिसंबर से अब तक की कार्रवाई में पूरे प्रदेश में अबतक कुल 213 एफआईआर दर्ज हुई है वहीं 925 आरोपी गिरफ्तार किये गए हैं. 5558 लोगों के खिलाफ निषेधात्मक कार्रवाई की गई है. सोशल मीडिया में आपत्तिजनक पोस्ट डालने के मामलों में 81 एफआईआर दर्ज की गई है. 120 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. 7513 ट्विटर पोस्ट, 9076 फेसबुक पोस्ट, 172 यूट्यूब वीडियो पर कार्रवाई की गई है.

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यूपी में अब तक 19 लोगों की मौत
नागरिकता संशोधन क़ानून के विरोध में प्रदर्शन के दौरान यूपी में अब तक 19 लोगों की मौत हुई है. यूपी में 288 पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. 61 पुलिसकर्मी फ़ायर आर्म्स में घायल हुए हैं. लखनऊ - डीजीपी मुख्यालय ने आंकड़े जारी किए हैं. उधर, नागरिकता क़ानून पर प्रदर्शन के दौरान हुई हिंसा की जांच अब एसआईटी करेगी. यूपी के डीजीपी ने हर ज़िले में एसआईटी गठन करने और एडिशनल एसपी स्तर के अधिकारी से जांच कराने का निर्दश दिया है.

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