Devkinandan Thakur: `किसी हिन्दू बेटी के 35 टुकड़े न हों...` कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर ने दे डाली अजीबोगरीब सलाह
Devkinandan Thakur: भागवताचार्य देवकीनंदन ठाकुर ने कानपुर में कहा कि सनातन बच्चों का विवाह सनातन परिवार में ही होना चाहिए. इसको लेकर केंद्र व प्रदेश सरकार को कानून बनाना चाहिए.
Devkinandan Thakur Statement: कथावाचक देवकीनंदन ठाकुर मंगलवार को कानपुर पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने मोतीझील ग्राउंड में भक्तों के साथ फूलों की होली खेली. भक्त उनके भजन पर झूमते दिखे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हम लोग अपने धर्म के बारे में नहीं सोचते हैं. लेकिन सनातनियों को अपने धर्म के बारे में सबसे पहले सोचना चाहिए. उन्होंने कहा कि हमें अपने बच्चों को संस्कार देने चाहिए. सनातनी बच्चे अन्य धर्मों के मुकाबले तेजी से धर्मांतरण का शिकार हो रहे हैं. जिसे हमें हर हाल में रोकना होगा.
बच्चों को धर्म से जोड़ें
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि हम लोग अपने धर्म के बारे में नहीं सोचते हैं. केवल अपने परिवार के बारे में सोचते हैं. वहीं अन्य धर्म के लोग परिवार के बारे में नहीं, बल्कि अपने धर्म के बारे में पहले सोचते हैं. उन्होंने कहा कि आजादी को बचाकर रखना है तो सनातन धर्म की रक्षा करनी होगी. जो बच्चे सड़कों पर बच्चियों को छेड़ रहे हैं. शराब, गुटखा, सिगरेट का सेवन कर रहे हैं, वो भी सनातनियों के बच्चे हैं. हमें बच्चों में अच्छे संस्कार देने हैं. उन्हें धर्म से जोड़ना होगा. हमें यह काम जरूर करना चाहिए.
"सनातनी का विवाह सनातनी से ही हो"
देवकीनंदन ठाकुर ने कहा कि अगर आप देश के लिए कुछ करना चाहते हैं तो अपने धर्म के बारे में सोचना शुरू कर दीजिए. यह आजादी को बचाए रखने के लिए बेहद जरूरी है. अगर आज हम लोगों ने अपने धर्म के लिए कुछ नहीं किया, तो 25 साल बाद होली खेलने के लिए तरस जाएंगे. लोग होली खेलने से रोक देंगे और तुम कुछ नहीं कर पाओगे. उन्होंने आगे कहा कि एक कानून ऐसा बनना चाहिए कि सनातनी का विवाह सनातनी से ही हो. बेटियों के 35 टुकड़े न हो इसके लिए यह कानून बनना जरूरी है.
"सनातन बोर्ड का हो गठन"
देवकी नंदन ठाकुर ने आगे कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र बना तो यह देश हमेशा के लिए सेक्युलर रहेगा, नहीं तो 25 साल बाद यह सेक्युलर नहीं रहेगा. उन्होंने मांग करते हुए कहा कि सनातन बोर्ड का गठन किया जाए, जो जिलों में 5-5 गुरुकुलों का संचालन करें.
जिससे मैकाले की शिक्षा से छुटकारा मिले. उन्होंने आगे कहा कि लोग नाम और सरनेम के पीछे सनातनी लिखें. अंग्रेजों ने डिवाइड एंड रूल की नीति अपना कर हम पर राज्य किया. ऐसे ही कुछ लोग हमें जातियों में बांटना चाहते हैं.
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