सूत्रों के मुताबिक एनकाउंटर की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी है.
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लखनऊ: कानपुर के बिकरू कांड के आरोपी गैंगस्टर विकास दुबे एनकाउंटर मामले में यूपी पुलिस को क्लीन चिट मिल गई है. सूत्रों के मुताबिक एनकाउंटर की जांच करने के लिए सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी है.
कमेटी को नहीं मिले सबूत
8 महीनों की जांच के बाद रिटायर्ड जस्टिस बीएस चौहान कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि यूपी पुलिस के खिलाफ कोई सबूत नही मिले हैं. यूपी पुलिस के बयान खिलाफ कोई भी चश्मदीद गवाह सामने नहीं आया है, जो ये कहे कि पुलिस गलत कह रही थी. यानी विकास दुबे एनकाउंटर केस में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी गई है.
आपको बता दें कि कमेटी में उत्तर प्रदेश सरकार के प्रस्तावित नामों को मंजूरी देते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रिटायर जस्टिस बीएस चौहान की अगुवाई में पूर्व डीजीपी केएल गुप्ता और हाई कोर्ट के पूर्व जज शशिकांत अग्रवाल की कमेटी बनाई थी. जिसने अपनी रिपोर्ट में यूपी पुलिस को क्लीन चिट दी है.
क्या है पूरा मामला
दरअसल पूरा मामला 2 जुलाई 2020 का है जब कानपुर के चौबेपुर थाना क्षेत्र के बिकरू गांव में दबिश देने गई पुलिस टीम पर विकास दुबे और उसके गुर्गों ने हमला कर दिया. जिसमें 8 पुलिसकर्मी शहीद हुए थे. इसके बाद पुलिस ने उसके चार गुर्गों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराया था.
9 जुलाई को विकास दुबे ने उज्जैन के महाकाल मंदिर में सरेंडर कर दिया. इसके बाद यूपी पुलिस उसे उज्जैन से वापस ला रही थी. रास्ते में पुलिस की गाड़ी पलटने के बाद विकास दुबे पुलिस की पिस्टल लेकर भागा था, जिसके बाद पीछा करने पर उसने पुलिस पर फायरिंग की थी. पुलिस ने जवाबी फायरिंग की और विकास दुबे की मुठभेड़ में मौत हो गई थी.
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