प्रवीण पांडेय/कानपुर: जन्माष्टमी को धूमधाम से मनाने को लेकर तैयारियां चल रही हैं. लेकिन कानपुर जिले में एक ऐसा मंदिर है, जहां 16 साल से राधारानी कैद हैं. जिसके चलते मंदिर में बिना राधा रानी के जन्माष्टमी मनाई जाती है, लेकिन भक्तों को राधा रानी की कमी खल रही है. ये मंदिर कानपुर शहर से 60 किलोमीटर दूर स्थित है. जिसका नाम है राधा कृष्ण का प्राचीन मंदिर. 


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चोरी हुई थीं मूर्तियां
घाटमपुर थाना क्षेत्र के भदरस गांव के बीच में स्थित प्राचीन राधा कृष्ण मंदिर से बीते वर्ष 2008 में चोरों ने मंदिर में स्थापित अष्टधातु की कीमती मूर्तियां चोरी कर ले गए थे, जिनमें राधा रानी की प्रतिमा समेत दस छोटी छोटी अन्य प्रतिमाएं भी शामिल थीं, मंदिर के तत्कालीन सर्वराकार प्रकाश चंद्र खरे ने घाटमपुर कोतवाली पहुंचकर मंदिर से मूर्तियां चोरी होने का मुकदमा दर्ज कराया था. 


पुलिस ने मामले की जांच पड़ताल करने के साथ चोरों की तलाश शुरू की. महज पंद्रह दिन के अंदर पुलिस ने कानपुर के श्याम नगर निवासी श्याम जी गुप्ता, सोनू उर्फ विनोद, बलहपारा निवासी अंकुर सिंह उर्फ राजे, धनीखेड़ा निवासी अमित कुशवाहा, इमलीपुर निवासी दिनेश प्रजापति, प्रेमनगर निवासी सर्राफा मो हसन को गिरफ्तार किया था. जिनके पास से पुलिस को प्राचीन मंदिर से चोरी हुई अष्टधातु की कीमती मूर्तियां राधा रानी समेत दस छोटी छोटी मूर्तियां बरामद हुई थी. पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था.


थाने में रखी हैं मूर्तियां
घाटमपुर थाना के तत्कालीन प्रभारी ने चोरी के मामले में चोरों को जेल भेजने के साथ राधा रानी समेत अन्य दस छोटी छोटी मूर्तियों को घाटमपुर थाने के मलखाने में रखवा दिया था. यहां पर सभी मूर्तियां एक बोरी में भरी मोहर सील लगी हुई रखी है. कुछ दिन बीतने के बाद आरोपियों को कोर्ट से जमानत तो मिल गई, लेकिन राधा रानी आज भी घाटमपुर कोतवाली के मलखाने में कैद हैं. मामले में घाटमपुर इंस्पेक्टर प्रदीप कुमार सिंह ने बताया की सर्वराकार को मूर्ति कोर्ट से रिलीज करवा लेनी चाहिए ताकि राधा रानी कृष्ण भगवान के पास पुनः स्थापित हो सकें.


भक्त बोले - मूर्ति बिना मंदिर सूना
भदरस निवासी अजय खरे उर्फ निशू ने बताया कि उनके पूर्वजों के द्वारा इस मंदिर का निर्माण कराया गया था. मंदिर में दो बार पहले भी मूर्तियां चोरी हुई थीं. लेकिन वह मिल गई थीं. इस बार चोर जब राधा कृष्ण की मूर्ति चोरी करके भाग रहे थे. तो श्री कृष्ण जी की प्रतिमा मंदिर से कुछ दूर पर गिर गईं. इसके बाद चोर उस प्रतिमा को उठा नहीं पाए. मजबूर चोर कृष्ण भगवान की प्रतिमा को छोड़कर भाग गए थे, जिसके चलते मंदिर में आज भी अष्टधातु के श्री कृष्ण की प्रतिमा स्थापित है. उन्होंने बताया कि जन्माष्टमी के पर्व पर भक्तो को राधा रानी की कमी खलती है. वह लोग राधा रानी को वापस मंदिर लाने की कोशिश कर रहे हैं.


विधायक बोलीं -मूर्तियां मंदिर में लाने की मांग रखेंगी
घाटमपुर विधायक सरोज कुरील ने कहा कि राधा कृष्ण के प्राचीन मंदिर की मूर्तियां थाने के मालखाने में कैद होने की जानकारी मिली है, उन्होंने कहा कि वह अनुसूचित जनजाति की बैठक में राज्य संपति विभाग को पत्र लिखकर घाटमपुर थाने में कैद राधा रानी समेत दस छोटी छोटी मूर्तियां और सजेती थाने में कैद बिहारी जी की मूर्ति को मंदिर में पुनः सुरक्षा के साथ स्थापित कराने की मांग रखेंगी. वह कोशिश करके जल्द मंदिर में मूर्तियों को रखवाएंगी. ताकि भक्त अपनी पूजा अर्चना कर सकें.


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