कानपुर देहात: डिप्टी सीएम से बात करने के बाद अंतिम संस्कार को राजी हुआ पीड़ित परिवार, परिजनों को दी जाएगी सुरक्षा
Deputy CM Brajesh Pathak on Kanpur Dehat Case: कानपुर देहात घटना मामले में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने बयान देते हुए कहा कि इस घटना का जो भी जिम्मेदार होगा फिर चाहे वो SDM हो या पुलिस अफसर सभी पर कार्रवाई होगी. किसी को नहीं छोड़ा जाएगा.
कानपुर देहात: उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात (Kanpur Dehat) में एक दर्दनाक हादसा हो गया. यहां अतिक्रमण हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई. वहीं दूसरी ओर सूबे में इस घटना को लेकर सियासत शुरू हो गई है. समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) और कांग्रेस (Congress) समेत अन्य विपक्षी दल सरकार को घेर रहे हैं. अलग-अलग दलों के नेता पीड़ित परिवार से मिलने पहुंच रहे हैं. इसी बीच घटना को लेकर डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का बड़ा बयान सामने आया है. उन्होंने कहा कि एसडीएम हो या पुलिस के अफसर किसी को बख्शा नहीं जाएगा. सभी के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की जाएगी. उन्होंने आगे कहा कि कानपुर की घटना दुखद और निंदनीय है. इसमें जितने भी अधिकारी दोषी हैं, हम किसी को नहीं छोड़ेंगे. उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया है. सभी के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है. डिप्टी सीएम ने पीड़ित परिवार से वीडियो कॉल पर बात भी की.
कमिश्नर एडीजी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से परिजनों की वीडियो कॉल पर बात कराई. जिसके बाद परिजन अंतिम संस्कार के लिए राजी हो गए हैं. पुलिस प्रशासन ने अपनी कार्रवाई शुरू कर दी है. शव को समेटकर पोस्टमार्टम के लिए भेजा जा रहा है. सुरक्षा के लिए परिजनों को गनर मुहैया कराए जायेंगे. गांव में पीएसी तैनात रहेगी. घर के दोनों बेटों के नाम गांव में पट्टा कराई जाएगी. जमीन आवास भी मुहैया कराया जाएगा.
क्या है पूरा मामला?
मामला कानपुर देहात के मैथा तहसील की मड़ौली पंचायत के चाहला गांव का है. मड़ौली गांव निवासी गेदनलाल ने गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित, अंश दीक्षित, शिवम आदि के खिलाफ आबादी की जमीन पर कब्जा कर मकान बनाने की शिकायत की थी. इस पर 13 जनवरी 2023 को एसडीएम मैथा के निर्देश पर राजस्व निरीक्षक नंद किशोर, लेखपाल अशोक सिंह चौहान ने जेसीबी से मकान ढहा दिया था. 14 जनवरी को तहसीलदार अकबरपुर रणविजय सिंह ने कृष्ण गोपाल, प्रमिला, शिवम, अंश, नेहा शालिनी व विहिप नेता आदित्य शुक्ला तथा गौरव शुक्ला के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था. मौजूदा समय में वह लोग कच्चा छप्पर रखकर वहां पर रह रहे थे, उसे ही हटाने के लिए प्रशासनिक अफसरों की टीम पुलिस बल के साथ पहुंची थी. इस दौरान उनके सामने ही झोपड़ी के अंदर मां-बेटी जिंदा जल गईं. दोनों को बचाने की कोशिश में गृहस्वामी व रूरा इंस्पेक्टर झुलस गए.
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पीड़ित परिवार ने रखी ये मांग
पीड़ितों ने प्रशासन के सामने 5 करोड़ रुपये के मुआवजे, घर के दो सदस्यों की सरकारी नौकरी, परिवार को आजीवन पेंशन, मृतक के दोनों बेटों को सरकार की तरफ से आवास की मांग की है. इस मामले में 11 नामजद और 12 अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ है. जिसमें एसडीएम मैंथा, थाना प्रभारी रूरा, लेखपाल, कानूनगो समेत अन्य लोग शामिल हैं. आरोपियों की तलाश जारी है.
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