अतुल सक्सेना/मैनपुरी : उत्तर प्रदेश के मैनपुरी की बेटी दीपिका दीक्षित ने आइटीबीपी में असिस्टेंट कमांडेंट के पद पर नियुक्त हो अपने शहर का नाम रोशन करने का काम किया है. अपने घर मैनपुरी में प्रथम आने पर बेटी दीपिका दीक्षित के परिवार वाले और मैनपुरी के लोगों ने जोरदार स्वागत किया. ढोल नगाड़े की धुन पर जहां लोग नाचते नजर आए तो वहीं बिटिया को फूल मालाओं से लादने का काम किया गया.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

पिता कि ख्वाहिश हुई पूरी
मैनपुरी नगर के आगरा रोड स्थित दीक्षित भवन निवासी विजय दीक्षित पेशे से व्यापारी हैं, उनके तीन बच्चे है जिसमें एक पुत्र व दो पुत्रियां हैं. व्यापारी विजय दीक्षित का कहना है कि उन्होने देश सेवा में इन तीन में से किसी एक को भेजने का संकल्प बहुत पहले ही ले लिया था. परिस्थितियां अनुकूल न होने के चलते बेटा जो सपना पूरा न कर सका वह बिटियां ने कर दिखाया. विजय दीक्षित की बेटी ने पहले डॉक्टर की पढ़ाई की और MBBS डॉक्टर बन गई. लेकिन पिता विजय दीक्षित की ख्वाहिश पूरी करने के लिए दीपिका दीक्षित ने सेवा में जाने का मन बना लिया और उन्होने  ''बेटियां भी किसी से कम नहीं'', पंक्ति को सार्थक कर दिया.


MBBS की पढ़ाई के बाद बनी ITBP में असिस्टेंट कमांडर
दीपिका दीक्षित ने इंटरमीडिएट तक कि पढ़ाई मैनपुरी के ही इंग्लिश मीडियम विद्यालय से की, इसके बाद डॉक्टरी की पढ़ाई करने बरेली चली गई.  MBBS की पढ़ाई पूरी होने के बाद दीपिका ने करीब 18 महीने मथुरा में एक निजी अस्पताल में सेवाएं दी. इसी बीच जिस लक्ष्य को पाने के लिए वह प्रयास कर रही थी उसको पा लिया और ITBP (इण्डो तिब्बतान बॉर्डर पुलिस) में असिटेंट कमांडेंट के पद पर पहुँच गई. 


ढोल नगाडो से हुआ भव्य स्वागत
जब पहली बार वह अपने घर पहुंची तो सैकड़ो लोगों ने फूल मालाएं पहनाकर और ढोल नगाड़े बजाने के अलावा आतिशबाजी के साथ भव्य स्वागत किया. वहीं घर के लोगों ने फूलों की बारिश करते हुए तिलक कर आरती उतारी और मिठाई खिलाकर सेवा में अफसर डॉक्टर बनी बिटिया को घर में अंदर लिया.