कानपुर के मूक-बधिर आदित्य गुप्ता का भी धर्मांतरण कराया था. जिसे इन्होंने अब्दुल कादिर बना दिया.
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कानपुर: बीते दिनों यूपी एटीएस ने धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ किया है. इस मामले में मौलाना उमर गौतम और जहांगीर की गिरफ्तारी भी की गई. ये आरोपी मूक-बधिर छात्रों, बेसहारा महिलाओं को धन, नौकरी व शादी का लालच देकर धर्मांतरण कराते थे. इस गैंग ने कानपुर के मूक-बधिर आदित्य गुप्ता का भी धर्मांतरण कराया था. जिसे इन्होंने अब्दुल कादिर बना दिया.
स्कूल लाइफ में ही आदित्य से अब्दुल बनने की हुई शुरुआत
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आदित्य गुप्ता के अब्दुल कादिर बनने का सफर स्कूल से ही शुरू हो गया था. धर्मांतरण कराने वाले लोग कई साल से उसका ब्रेन वॉश कर रहे थे. इस बात की पुष्टि आदित्य के स्कूल प्रिसिंपल ने की. बता दें कि आदित्य ने इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई ज्योति बधिर विद्यालय बिठूर से पूरी की है. साल 2017 में उसने 12वीं परीक्षा पास करने के बाद स्कूल छोड़ दिया. इसी स्कूल में आदित्य की मां लक्ष्मी गुप्ता भी टीचर थीं.
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एग्जाम में पूरे आंसर शीट में लिखा था अल्लाह-अल्लाह
प्रिंसिपल रामदास पाल के अनुसार, साल 2016 में 1वीं के मिड टर्म एग्जाम चल रहे थे. इस दौरान आदित्य भी एग्जाम में शामिल हुआ. एग्जाम का समय निकला जा रहा था, इसके बावजूद आदित्य कुछ नहीं लिख रहा था. इस पर क्लास में मौजूद टीचर ने उससे पेपर ना लिखने की वजह पूछी. लेकिन उसने कुछ भी नहीं कहा. वहीं, एग्जाम ओवर होने के बाद जब कॉपी सबमिट की गई, तो आदित्य की कॉपी के हर पन्ने पर केवल अल्लाह-अल्लाह लिखा हुआ था. इस बात की जानकारी उसकी मां को भी दी गई.
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मां को इस बात की नहीं थी कोई जानकारी
प्रिसिंपल के अनुसार, जब लक्ष्मी से इस बारे में पूछा गया, तो उन्हें इन सब के बारे में कुछ समझ नहीं आया. लक्ष्मी ने बताया था कि आदित्य रोजाना सुबह घर से निकलता है और शाम को करीब सात-आठ बजे वापस आ जाता है. इस दौरान वो कहां और किससे मिलने जाता है, उन्हें इस बात की बिल्कुल जानकारी नहीं होती थी. हैरानी वाली बात ये है कि लक्ष्मी खुद आदित्य के साथ स्कूल बस से स्कूल जाती थीं और छुट्टी होने के बाद उसके साथ ही वापस आती थीं.
मजार देखकर झुका लेता था सिर
स्कूल बस में लक्ष्मी और आदित्य के अलावा स्टाफ के बाकी टीचर्स भी जाया करते थे. सभी लोग आदित्य के बिहेवियर को लेकर असमंजस में थे. प्रिंसिपल ने बताया कि उन दोनों के साथ बस में जाने वाले कुछ टीचर्स ने उन्हें जानकारी दी थी कि रास्ते में मजार पड़ने पर आदित्य हमेशा अपना सिर झुका लेता था. इसके अलावा जुमा यानी शुक्रवार वाले दिन वह लंच करने के बाद नमाजियों की तरह बैठ जाता था. हालांकि, उस समय बाकी बच्चे ये समझ नहीं पाते थे. उन्हें लगता था कि आदित्य एक्सरसाइज कर रहा है. लेकिन जब स्कूल के शिक्षकों ने देखा तो पता चला कि आखिर आदित्य क्या करता था.
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मार्च में हो गया था लापता
आपको बता दें कि आदित्य मार्च के महीने में घर से लापता हो गया था. जो 20 जून को रहस्यमय हालात में घर वापस लौट आया था. परिवार को घर में उसके धर्मांतरण के बारे में जानकारी अब्दुल कादिर नाम के कन्वर्जन सर्टिफिकेट से हुई. हालांकि, परिवार को अभी तक यह नहीं पता चल पाया है कि असल में वह इस गैंग में कैसे फंस गया.
एटीएस को मिली सात दिनों की कस्टडी रिमांड
दोनों आरोपियों मौलाना उमर गौतम और जहांगीर के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (एनएसए) के तहत कार्रवाई होगी. यूपी एटीएस ने दोनों अभियुक्तों की सात दिनों की कस्टडी रिमांड हासिल कर ली है. बुधवार से दोनों से पूछताछ शुरू की जाएगी.
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