Bijli Bill: बिजली विभाग में 600 करोड़ रुपये बकाया 2.75 लाख कनेक्शनधारियों पर था और हर तरह के प्रयास के बाद भी विभाग केवल सौ करोड़ का बकाया ही वसूल सका है.
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लखनऊ: उत्तर प्रदेश में बिजली बिल न चुकाने वालों के घर प्रीपेड मीटर लगाया जाएगा. बिजली विभाग में 600 करोड़ रुपये बकाया 2.75 लाख कनेक्शनधारियों पर था और तमाम प्रयासों के बाद भी महज सौ करोड़ का बकाया ही विभाग के द्वारा वसूला जा सका है. अब बकाया व और न बढ़े इसके लिए शहरी इलाकों में प्री-पेड मीटर को लगाए जाने का काम शुरू किया जाएगा.
दस शहरी इलाकों में लगाया जाएगा
मोबाइल री-चार्ज की तरह यह मीटर बिजली उपलब्ध कराएंगे. जैसे ही पैसे खत्म होंगे वैसे ही बिजली सप्लाई बंद कर दी जाएगी और री-चार्ज बिना बिजली नहीं मिल पाएगी. इससे बढ़ते बकाया पर अच्छी तरह से अंकुश लगाया जा सकेगा ऐसी संभावना है. इससे बकाया के साथ ही बिजली चोरी पर भी लगाम कसी जा सकेगी. फरवरी महीने में 50 हजार स्मार्ट प्री-पेड मीटर जीएमआर कंपनी के द्वारा दी जाए जिसे फतेहपुर जिले के केवल दस शहरी इलाकों में लगाया जाएगा, जो मीटर पूर्व से लगे होंगे उनको हटा दिया जाएगा.
कार्यालय के लिए जगह की तलाश
जर्जर तार बदलने का काम शहरी क्षेत्र में करीब करीब पूरा होने वाला है और अब प्री-पेड मीटर लगाने के काम को भी तेजी से किया जाएगा. प्री-पेड मीटर लगाने का काम जिले के नगरीय क्षेत्र में जीएमआर कंपनी को दिया गया है. फिलहाल, यह कंपनी अपना कार्यालय स्थापित करने के लिए जगह खोजने में लगी है. जनवरी में ही कंपनी का कार्यालय खोलने का लक्ष्य है जिससे कि स्मार्ट प्री पेड मीटर मंगा कर फरवरी से लगाने की शुरुआत की जा सके. पहले चरण में जिला मुख्यालय का काम हो जाने के बाद अलग अलग जगहों पर काम किया जाएगा ताकि बकाया और बिजली चोरी पर अंकुश लगे.
ये जगहें हैं-
बिंदकी नगर पालिका क्षेत्र, जहानाबाद
बहुआ, असोथर
हथगाम, खागा
धाता, किशुनपुर
खखरेडू के साथ ही ऐसे ही नगरीय क्षेत्र
एक बार यह मीटर जब लग जाएंगे तो बढ़ती बकायेदारी पर पूरी तरह से अंकुश लग जाएगा।
प्री-पेड स्मार्ट मीटर पर खर्च होंगे 6016 रुपये
स्मार्ट मीटर एक प्रकार का डिजिटल मीटर है, जो कि मोबाइल में लगने वाले सिम की तरह ही एक चिप के द्वारा उपयोग में लाया जाता है। सबसे बड़ी बात यह भी है कि मोबाइल के ही स्वरूप पोस्टपेड व प्रीपेड कि तरह उपयोग में ला सकते हैं। आपको रिचार्ज कराने पर ही बिजली दी जाएगी। स्मार्ट मीटरों के मुकाबले घरेलू प्रीपेड कनेक्शन पर उपभोक्ता को एक बार 6016 रुपये जमा करने पड़ेंगे, यह धनराशि वनटाइम होगी।
ऐसे रीचार्ज पर बिजली
एक रिले (एक स्वचालित स्विच) प्रीपेड बिजली मीटर में होता है जो बिजली को कोई यूनिट नहीं रहने पर काट देता है. इसके बाद टॉप-अप कराने पर संतुलन बढ़ता है फिर रिले से बिजली सप्लाई होने लगती है. प्रीपेड बिजली सैद्धांतिक तरीके पे-एज-यू-गो सेल्यूलर टेलीफोन ऑप्शन की तरह ही है. एक वाउचर का भुगतान करने के बाद कोड मिलेगा जिसे बिजली की एक तय मात्रा सप्लाई पाने के लिए प्रीपेड बिजली मीटर में डालना होगा.
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