Trending Photos
मयूर शुकला/लखनऊ: किसान आंदोलन की दिशा तय करने और सत्ता परिवर्तन का बिगुल फूंकने को लेकर आज मुजफ्फरनगर में तमाम किसान संगठन महापंचायत कर रहे हैं. किसानों की मांग है कि तीनों किसान बिल वापस हो. लेकिन, किसानों के इस आंदोलन में पॉलिटिकल पार्टियों का आना इसे एक राजनैतिक आंदोलन का रंग दे रहा है.
मुजफ्फरनगर में लाखों की भीड़ हो रही एकत्रित
कुछ महीने पहले की वह तस्वीरें याद करिए जब यूपी दिल्ली बॉर्डर पर किसानों ने उग्र प्रदर्शन किया था और आम जनजीवन को बुरी तरह प्रभावित भी किया था. एक बार फिर से वही समीकरण मुजफ्फरनगर में बनते नजर आ रहे हैं. आज मुजफ्फरनगर के जीआईसी ग्राउंड में तमाम किसान संगठन महापंचायत के लिए इकट्ठा हुए हैं, जिसमें लाखों की भीड़ एकत्रित हो रही है. किसानों की मांग है कि केंद्र सरकार अपने तीनों किसान बिल वापस ले वरना यह आंदोलन अनिश्चितकाल तक चलता रहेगा. लेकिन, किसानों की इस धमकी का असर भाजपा सरकार पर कुछ ज्यादा नजर नहीं आता. भाजपा का कहना है कि वह किसानों के साथ वार्ता करने को तैयार है. लेकिन, अगर वह राजनीति करेंगे और उनके खिलाफ साजिश रचने की कोशिश रहेगी तो उससे भाजपा को कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है.
समाजवादी पार्टी कर रही समर्थन
वहीं, अगर विपक्ष की बात करें तो समाजवादी पार्टी किसानों के इस आंदोलन को लगातार समर्थन दे रही है. सपा एमएलसी सुनील साजन का कहना है कि जो किसान देश की रीढ़ की हड्डी हैं. भाजपा सरकार ने उसे ही तोड़ने का काम किया है. किसान जो भी कदम उठाएंगे. उनके साथ समाजवादी पार्टी कंधे से कंधा मिलाकर खड़ी रहेगी.
जब लाखों किसान भाजपा सरकार के खिलाफ लामबंद है तो ऐसे में इस जन आंदोलन का फायदा लेने में कांग्रेस भी पीछे नहीं है. कांग्रेस का कहना है कि अहंकारी मोदी सरकार ने अपने तीन काले कानून किसानों पर थोप दिए हैं, जिससे किसानों की आने वाली पीढ़ियों का भविष्य खतरे में है.
राजनीति चमकाने के लिए कुछ किसान कर रहे आंदोलन: BJP
राकेश टिकैत का मानना है कि पूरे देश के किसान उनके समर्थन में हैं. लेकिन, अगर जमीनी हकीकत देखें तो तस्वीरें कुछ और ही बयां करती है. भाजपा सरकार का भी यही कहना है कि मुट्ठी भर किसान अपनी राजनीति चमकाने के लिए ये आंदोलन कर रहे हैं. जिसको देश के किसानों से जोड़ कर देखा नहीं जा सकता.
ऐसे में अब देखना यह होगा कि मुजफ्फरनगर में हो रही इस महापंचायत से देश भर से कितने किसान प्रभावित होते हैं और क्या इससे आने वाले विधानसभा चुनाव में कोई फर्क पड़ता है.
WATCH LIVE TV