उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "रामविलास जी,लालू जी,शरद यादव व रघुवंश बाबू जैसे पारम्परिक महारथियों की अनुपस्थिति में लड़ी जा रही पाटलिपुत्र की लड़ाई को एकतरफा समझ रहे चुनाव-विश्लेषक चौंक सकते है !
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नोएडा: बिहार में चुनावी समर अपने मुकाम पर पहुंच चुका है, लेकिन इस बार चुनावी रैलियों से बिहार राजनीति के कई दिग्गज महारथी नदारद हैं. इनमें पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव, शरद यादव, रघुबंश प्रसाद सिंह और रामविलास पासवान शामिल हैं.
चुनाव में इन दिग्गजों की गैरमौजूदगी में हो रहे चुनाव पर प्रख्यात कवि कुमार विश्वास ने कहा कि बिहार चुनाव रामविलास जी,लालू जी,शरद यादव व रघुवंश बाबू जैसे पारम्परिक महारथियों की अनुपस्थिति में लड़ा जा रहा है. चुनाव में मुखर युवा व खामोंश महिलाएं चुनाव में निर्णायक साबित हो सकती हैं.
उन्होंने ट्वीट कर लिखा, "रामविलास जी,लालू जी,शरद यादव व रघुवंश बाबू जैसे पारम्परिक महारथियों की अनुपस्थिति में लड़ी जा रही पाटलिपुत्र की लड़ाई को एकतरफा समझ रहे चुनाव-विश्लेषक चौंक सकते है ! मुखर युवा व ख़ामोश महिलाएँ निर्णायक हो सकती हैं !सीधा-सधा संवाद मतपेटी की कुंजी है,शेष तो जनता-जनार्दन ही जाने''
रामविलास जी,लालू जी,शरद यादव व रघुवंश बाबू जैसे पारम्परिक महारथियों की अनुपस्थिति में लड़ी जा रही पाटलिपुत्र की लड़ाई को एकतरफा समझ रहे चुनाव-विश्लेषक चौंक सकते है ! मुखर युवा व ख़ामोश महिलाएँ निर्णायक हो सकती हैं !सीधा-सधा संवाद मतपेटी की कुंजी है,शेष तो जनता-जनार्दन ही जाने
— Dr Kumar Vishvas (@DrKumarVishwas) October 26, 2020
गौरतलब है कि लोक जन शक्ति पार्टी संस्थापक रामविलास पासवान और राष्ट्रीय जनता दल के वरिष्ठ नेता रहे रघुबंश प्रसाद सिंह का हाल ही में निधन हो गया. वहीं राजद प्रमुख लालू यादव चारा घोटाले के आरोप में जेल में बंद हैं. पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव भी स्वास्थ्य की वजह से चुनावी रैलियों से गायब हैं.
इन नेताओं के प्रभाव का इस बात से अंदाजा लगाया जा सकता है कि पिछले विधानसभा चुनाव में लालू प्रसाद ने 150 से ज्यादा और दिवंगत रघुवंश प्रसाद सिंह ने 100 से अधिक सभाएं और रोड शो किये थे. रामविलास पासवान ने भी 70 से ज्यादा सभाएं कीं.