Mahakumbha Mela 2025: प्रयागराज में संगम किनारे रेती पर तंबुओं की नगरी सजने लगी है. करीब 45 दिनों तक चलने वाले महाकुंभ 2025 में 40 करोड़ श्रद्धालुओं के आने का अनुमान है. इन तीर्थ यात्रियों के रहने के लिए अस्‍थाई नगर की स्‍थापना की जाती है. तंबुओं की इस नगरी को बसाने का काम आसान नहीं है. लेकिन लल्‍लू जी एंड संस इसे देखते ही देखते तैयार कर देते हैं. टेंट सिटी बसाने का जिम्‍मा इन्‍हीं के हाथों होता है. प्रयागराज महाकुंभ 2025 में एशिया के सबसे बड़े टेंट विक्रेता लल्‍लू जी एंड संस की कहानी...  


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104 साल से बसा रहे तंबुओं का शहर 
जानकारी के मुताबिक, बाल गोविंद दास ने 104 साल पहले प्रयागराज (तब इलाहाबाद) में टेंट और तिरपाल का कारोबार शुरू किया. 1920 से ही बाल गोविंद दास ने प्रयागराज माघ मेले में तंबु लगाने काम शुरू कर दिया था. बताया गया कि बाल गोविंद दास, 1918 में वाराणसी से प्रयागराज आकर बस गए थे. उनकी पांचवीं पीढ़ी भी प्रयागराज माघ मेले में तंबु लगाने का काम करता चला आ रहा है. प्रयागराज के रामबाग में लल्‍लू जी एंड संस का गोदाम भी है.  


अनुभवी लोगों की टीम बसाती है टेंट सिटी 
लल्लू जी एंड संस के प्रबंधन के मुताबिक, महाकुंभ या कुंभ मेले में दो माह में तंबुओं की नगरी बसाने का काम आसान नहीं होता है. कपड़े के टेंट से लेकर बांस-बल्ली की व्यवस्था करना सबसे कठिन काम होता है. ऐसे में काम जल्दी और बेहतर ढंग से करने में अनुभव ही काम आता है. इसके लिए अनुभवी लोगों की टीम तैनात की जाती है. ताकि समय रहते टेंट लगाए जा सकें.  


देश के कई कोने के में गोदाम ऑफ‍िस 
बता दें कि लल्लू जी एंड संस के कार्यालय और गोदाम प्रयागराज के साथ ही देश भर में हैं. प्रयागराज में रामबाग के अलावा झूंसी, नैनी आदि में गोदाम हैं. वहीं, दिल्ली, उज्जैन, हरिद्वार और अहमदाबाद आदि में गोदाम और दफ्तर हैं. जरूरत पड़ने पर यहां से भी सामान मंगाए जाते हैं. इन गोदामों से नासिक, उज्जैन, हरिद्वार और गुजरात के कच्छ के रन में लगने वाले मेले में टेंट सिटी बसाने के लिए सामान भेजे जाते हैं. 


फाइव स्‍टार होटल जैसा लुक 
प्रबंधन की ओर से बताया गया कि उनके पास सामान्‍य टेंट के अलावा फाइव स्‍टार होटल जैसा लुक देने वाले टेंट हैं. प्रयागराज माघ मेले में एक लाख से ज्‍यादा टेंट लगाए जाते हैं. इस बार महाकुंभ है तो संख्‍या बढ़ जाएगी. इस बार बड़ी संख्‍या में फाइव स्‍टार सुविधा और लुक वाले टेंट बनाए गए हैं. इसमें लॉन, बरामदा, बेडरूम, कमरे और अटैच लैट्रिन बाथरूम रहता है. साथ ही टेंट के अंदर ही किचन की सुविधा होती है. 


2019 कुंभ 5 किलोमीटर के दायरे में बसाया था तंबुओं का शहर  
टेंट में एसी वाले कमरे भी होते हैं. इसके अलावा फूल-पौधे भी लगे होते हैं. प्रयागराज में साल 2019 में लगे कुंभ में भी लल्‍लू जी एंड संस ने टेंट लगाने का काम किया था. उस समय 8 किलोमीटर के दायरे में टेंट सिटी बसाई गई थी. इस बार महाकुंभ में 15 से 20 किलोमीटर दायरे में तंबुओं के लगाने का काम किया जा रहा है. 


 


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