Facts About Lok Sabha Election: इस साल लोक सभा चुनाव है और इसे लेकर पार्टियों की तैयारी भी जोरों पर है. आइए लोकसभा चुनाव से जुड़े कुछ रोचक तथ्यों को जानते हैं जिन्हें बहुत कम लोग ही जानते हैं. आज का रोचक तथ्य देश के पूर्व प्रधानमंत्री और जाने माने दिवंगत नेता अटल बिहारी वाजपेयी से जुड़ा है. आइए इस बारे विस्तार से जानते हैं.
क्या आप जानते हैं कि अपने बेदाग राजनीतिक जीवन व कुशल वक्तव्य प्रस्तुत करने वाले और बीजेपी को केंद्र की सत्ता का स्वाद चखाने वाले अटल बिहारी वाजपेयी के नाम एक ऐसा रिकॉर्ड दर्ज है जिसे आज तक कोई तोड़ नहीं पाया है. दरअसल, चार राज्यों से वाजपेयी जी ने संसदी का चुनाव जीता है. अभी तक कोई भी उम्मीदवार ऐसा नहीं कर पाया है. उन्होंने संसदीय जीवन में ऐसे ही कई दिलचस्प रिकॉर्ड बनाए.
पहले चुनाव में हार
वाजपेयी जी ने चुनावी मैदान में पहला कदम सन् 1955 में रखा और पहले ही चुनाव में हार गए. दरअसल, इस साल उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ की सीट से विजयलक्ष्मी पंडित ने जब लोकसभा की सदस्यता से इस्तीफा दिया तो वाजपेयी जी को जनसंघ के प्रत्याशी के तौर पर इस पर उतारा गया. तब साधन न होने से प्रचार अभियान नहीं चल सका और वाजपेयी जी को हार झेलनी पड़ी. हालांकि तब भी लोग उनके भाषण को सुनने के लिए भीड़ चुटती थी.
वाजपेयीजी का दूसरा चुनाव
वाजपेयीजी का दूसरा चुनाव भी दिलचस्प रहा. साल 1957 में जनसंघ ने यूपी की तीन सीट लखनऊ, मथुरा व बलरामपुर पर वाजपेयी को चुनाव लड़वाया. वाजपेयीजी साढ़े बारह हजार वोटों से लखनऊ का चुनाव तो हारे ही, मथुरा में जमानत भी जब्त करवा बैठे. वैसे बलरामपुर का चुनाव जीत गए. वो इसमें दस हजार मतों के अंतर से विजयी हुए.
जन्मभूमि पर भी मिली हार
1984 में अपनी जन्मभूमि से वाजपेयीजी चुनावी मैदान में उतरे लेकिन ग्वालियर की जनता ने अपने राजा को वोट किया बजाय की वाजपेयीजी को वोटों से नवाजती. इस तरह यहां का चुनाव वाजपेयीजी को बहुत भारी पड़ गया. वैसे इस चुनाव में वाजपेयी और सिंधिया के बीच कड़ी टक्कर रही क्योंकि माघव राज सिंधिया की मां विजयाराजे सिंधिया बीजेपी में थे और उनका पूरा समर्थन वाजपेयीजी को था. ग्वालियर के राजमहल में ही वाजपेयीजी का चुनाव कार्यालय बना और प्रचार भी हुआ जिससे उनके और सिंधिया के बीच कांटे की टक्कर रही.
एक और दिलचस्प रिकार्ड
वाजपेयी एकमात्र ऐसे सांसद रहे जिन्होंने देश के चार राज्य दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश व गुजरात की सीट से लोकसभा चुनाव लड़ा और जीते. ऐसा करने वाला अब तक कोई नहीं है. वाजपेयी जी एकमात्र ऐसे सांसद हैं जिनको छह भिन्न संसदीय सीटों से चुनाव लड़कर जीत हासिल हुई. इन सीट हैं- बलरामपुर, ग्वालियर, नई दिल्ली, विदिशा, गांधीनगर व लखनऊ. वाजपेयीजी एकमात्र ऐसे सांसद हुए जो दो बार पर दो भिन्न राज्यों की सीट से चुनाव जीत गए. 1991 में उन्होंने मध्य प्रदेश की विदिशा लोकसभा सीट और उत्तर प्रदेश की लखनऊ सीट को जीता था. 1996 में वाजपेयीजी ने उत्तर प्रदेश की लखनऊ लोकसभा सीट से व गुजरात की गांधीनगर सीट से चनाव जीतकर संसद गए.