Ghaziabad Lok Sabha Election Date: मतदान की तारीख तो तय हो गई है लेकिन गाजियाबाद लोकसभा सीट से अभी तक प्रत्याशियों की घोषणा अब तक नहीं की गई है. मतदाताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं को अपने प्रत्याशियों के नाम जानने की उत्सुकता बनी हुई है.
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Ghaziabad Lok Sabha Seat / गाजियाबाद: देश में लोकसभा चुनाव का आगाज हो चुका है और मतदान से लेकर मतगणना तक की तैयारियां तेजी से हो रही है. लेकिन उत्तर प्रदेश की कुछ सीटों पर पार्टियों द्वारा अब भी उम्मीदवारों की घोषणा नहीं की गई है, ऐसा भी कह सकते हैं कि पार्टियों ने अब तक इन सीटों पर अपने पत्ते नहीं खोले हैं. इस तरह एक सीट है उत्तर प्रदेश की गाजियाबाद लोकसभा सीट जहां महामुकाबले का मंच तो सजा दिया गया है, दूसरे चरण में 26 अप्रैल को मतदान होना भी तय है लेकिन इस सीट से अब तक पार्टियों ने प्रत्याशी नहीं उतारे हैंय दूसरी ओर कार्यकर्ता हैं कि अपने उम्मीदवार का नाम जानने के लिए बेताब हो रहे हैं. वैसे उम्मीद है कि इस सप्ताह सभी उम्मीदवारों का चेहरा साफ हो जाए. (Ghaziabad Lok Sabha Seat candidates)
बीजेपी ने जनरल वीके सिंह पर किया था विश्वास
परिसीमन के बाद गाजियाबाद लोकसभा क्षेत्र से साल 2009 से ही भाजपा उम्मीदवार की जीत होती रही है. राजनाथ सिंह को प्रत्याशी के तौर पर तब पार्टी ने उतारा था और तब कांग्रेस की ओर से सुरेंद्र प्रकाश गोयल उम्मीदवारी कर रहे थै. जीत बीजेपी ने हालिस की थी. पिछले दो चुनाव पर गौर करें तो जनरल (रिटायर्ड) वीके सिंह ने बड़े मार्जिन से जीतें हैं. 2014 के लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह को भाजपा ने प्रत्याशी बनाया तो वहीं कांग्रेस की ओर से राज बब्बर उतरे थे. 2019 के लोकसभा चुनाव में जनरल वीके सिंह पर फिर से बीजेपी ने दांव लगाया और सफल रही. कांग्रेस ने डाली शर्मा पर तब विश्वास किया था. वैसे, इस बार प्रत्याशियों की पहली दो लिस्ट में पार्टी ने गाजियाबाद को नहीं रखा था ऐसे में यहां से कौन उतारा जाएगा भाजपा की ओर से ये उत्सुकता अभी बनी हुई है.
जल्द बसपा प्रत्याशी की हो सकती है घोषणा
बसपा के पश्चिमी यूपी के प्रभारी की पिछले सप्ताह पार्टी चीफ से टिकट को लेकर चर्चा होने का दावा किया गया. इस सीट पर 2009 और 2014 के आम चुनाव में बसपा ने ब्राह्मण चेहरे पर विश्वास किया लेकिन सफल नहीं हो पाई. दरअसल, रणनीति ये है कि पार्टी के परंपरागत वोट के साथ ब्राह्मण जाति के मतदाताओं के मत ब्राह्मण प्रत्याशी उतार कर पाए जा सकें. साल 2009 में बसपा ने अमरपाल शर्मा को इस सीट से प्रत्याशी बना कर उतारा था. उम्मीद है कि जल्दी ही पार्टी अपने प्रत्याशी की घोषणा कर देगी. वहीं सुभाषवादी भारतीय समाज पार्टी ने धीरेंद्र भदौरिया को पिछले सप्ताह गाजियाबाद से प्रत्याशी के तौर पर मैदान में उतारा.
टिकट के लिए दावेदारी कर रहे
सपा और कांग्रेस गठबंधन की बात करें तो कांग्रेस के खाते में गाजियाबाद सीट गई है. कांग्रेस इस सीट से अपनी पूर्व प्रत्याशी डॉली शर्मा को चुनावी मैदान में उतारे ऐसे आसार हैं. डॉली के अलावा कई और दावेदार है जो इस सीट से उतर सकते हैं. गाजियाबाद के पूर्व सांसद सुरेंद्र गोयल के बेटे व सुशांत गोयल जोकि यूपी कांग्रेस के महासचिव भी है, सेवानिवृत्त शिक्षक एसडी कौशिक के अलावा पिछले साल गाजियाबाद से मेयर का चुनाव लड़ने वाली पुष्पा रावत को भी इस बार टिकट दिया जाए, इसकी संभावना दिखती है.