कहां बनाए जाते हैं स्ट्रॉन्ग रूम?, मतदान के बाद कैसे की जाती है सुरक्षा
Lok Sabha Election 2024 : सातवें चरण में एक जून को मतदान होना है. चार जून को नतीजे आएंगे. इससे पहले जहां वोटिंग हो चुकी है, ईवीएम मशीनों को मतगणना होने तक कहां रखा जाता है.
Lok Sabha Election 2024 : लोकसभा चुनाव अपने अंतिम पड़ाव की ओर है. छह चरणों में मतदान हो गए हैं. सातवें चरण में एक जून को मतदान होना है. चार जून को नतीजे आएंगे. इससे पहले जहां वोटिंग हो चुकी है, ईवीएम मशीनों को स्ट्रॉन्ग रूम में रखा जाता है. तो सवाल उठता है कि लंबे समय तक इनकी निगरानी कैसे की जाती है और स्ट्रॉन्ग रूमें ही ईवीएम मशीनों को क्यों रखा जाता है?. मतगणना से कितनी देर पहले ईवीएम मशीनों को लाया जाता है.
क्या होता है स्ट्रॉन्ग रूम?
दरअसल, चुनाव होने के बाद ईवीएम मशीनों को जहां रखा जाता है, उसे स्ट्रॉन्ग रूम कहा जाता है. यहां एक बार ईवीएम मशीन रखने के बाद मतगणना के दिन तक वहां कोई दूसरा व्यक्ति नहीं जा पाता. अगर विशेष परिस्थिति में किसी को अंदर जाना भी होता है तो उसे निर्वाचन आयुक्त से अनुमति लेनी पड़ती है.
कहां बनाया जाता है स्ट्रॉन्ग रूम?
स्ट्रॉन्ग रूम कभी भी प्राइवेट जगहों पर नहीं बनाए जाते. सरकारी प्रॉपर्टी पर ही स्ट्रॉन्ग रूम बनाया जाता है. हालांकि, पुलिस की बिल्डिंग में कभी भी स्ट्रॉन्ग रूम नहीं बनाया जा सकता है. कहीं भी स्ट्रॉन्ग रूम बनाने से पहले उस जगह की अच्छे से तलाशी ली जाती है. इसकी पूरी जानकारी चुनाव आयोग को भी दी जाती है. स्ट्रॉन्ग रूम में सुरक्षा के कड़े इंतजाम किये जाते हैं. वहीं, जब ईवीएम मशीनें रख दी जाती हैं तो सुरक्षा और बढ़ा दी जाती है.
कितने लेयर में होती है सुरक्षा?
स्ट्रॉन्ग रूम का चयन होने के बाद उसकी सुरक्षा अहम हो जाती है. स्ट्रॉन्ग रूम की सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिसकर्मियों की तैनाती नहीं की जाती. बल्कि पैरामिलिट्री फोर्स को तैनात किया जाता है. हालांकि, स्ट्रॉन्ग रूम के बाहर की सुरक्षा के लिए स्थानीय पुलिस की मदद ली जाती है. यहां तीन स्तर की सुरक्षा व्यवस्था की जाती है.
सीसीटीवी से लैस होता है स्ट्रॉन्ग रूम
स्ट्रॉन्ग रूम की पूरी निगरानी सीसीटीवी कैमरे की जाती है. प्रत्याशी या उनके प्रतिनिधि को स्ट्रॉन्ग रूम में लगे सीसीटीवी फुटेज दिखाई जाती है. इसके अलावा स्ट्रॉन्ग रूम में कितने कमरे हैं, कितनी ईवीएम मशीनें रखी गई हैं, सभी जानकारी प्रत्याशी और चुनाव आयोग के पास होती है.
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