PM Modi in Varanasi: पीएम मोदी ने यूपी के 22 फीसदी दलितों को लुभाया, बनारस से संत रविदास जयंती के बहाने बड़ा सियासी संदेश दिया
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PM Modi in Varanasi: पीएम मोदी ने यूपी के 22 फीसदी दलितों को लुभाया, बनारस से संत रविदास जयंती के बहाने बड़ा सियासी संदेश दिया

Lok Sabha Elections 2024: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिवसीय वाराणसी दौरे पर हैं, वह रविदास जयंती पर भव्य कार्यक्रम में शिरकत करेंगे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लोकसभा चुनाव से पहले इस दौरे के सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं. 

PM Modi in Varanasi

Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव की तारीखों के ऐलान से पहले ही सियासी दलों ने चुनावी शंखनाद कर दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी दो दिन के वाराणसी दौरे पर हैं. पीएम मोदी ने यहां सीर गोवर्धन में संत रविदास की 25 फीट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया. लोकसभा चुनाव से पहले इसे दलित वोटरों को लुभाने का बड़ा प्रयास माना जा रहा है. यूपी में लोकसभा चुनाव अगर बीजेपी बनाम सपा-कांग्रेस गठबंधन के बीच द्विध्रुवीय रहा तो दलित वोटरों का रुख पासा पलटने वाला साबित हो सकता है. 

यूपी की सियासत के लिहाज से देखें तो प्रदेश में करीब 22 फीसदी दलित वोटर हैं. एक समय यह बसपा का वोट बैक माना जाता था, लेकिन 2012 के बाद से बसपा का जनाधार लगातार खिसक रहा है, जिसे साधने के लिए सभी राजनैतिक दल जुटे हैं. पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) के फॉर्मूले पर लोकसभा चुनाव लड़ने जा रही समाजवादी पार्टी की काट ढूंढने के लिए अब बीजेपी 'डीपीए' (दलित, पिछड़ा, अगड़ा) का चक्रव्यूह रच रही है.

पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति में आने से पहले भी वो संत रविदास से मार्गदर्शन लेते थे. उनकी शिक्षाओं को ग्रहण करते थे. उन्होंने यहां संबोधन में कहा कि परिवारवादी कभी नहीं चाहते कि यहां विकास हो. समाज के दबे कुचले शोषित लोगों तक संदेश पहुंचे. कुछ लोग जाति के कल्याण के नाम पर अपने परिवार का कल्याण करते हैं. बीजेपी सरकार इसी वंचित वर्ग की भलाई के लिए काम कर रही है. 

उत्तर प्रदेश में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए 
आरक्षित लोकसभा सीट 17 हैं. लेकिन प्रदेश की 40 से अधिक लोकसभा सीटों पर 21-22 प्रतिशत दलित वोट बैंक पासा किसी भी तरह पलट सकता है. 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर में बीजेपी ये सारी 17 सीटें अपनी झोली में डालने में कामयाब रही थीं. लोकसभा चुनाव 2019 में बीजेपी को 15 आरक्षित सीटों पर सफलता मिली थी. दो सीटें बसपा ने जीती थीं. मायावती के लगातार घटते जनाधार के बीच बीजेपी और सपा-कांग्रेस के विपक्षी गठबंधन की नजर इसी वोटबैंक पर है. खासकर गैर जाटव दलित जातियों को अपने पाले में लाने की कोशिश है.  

अगर विधानसभा सीटों की बात करें तो उत्तर प्रदेश की 403 विधानसभा सीटों में से 300 सीटों पर दलित मतदाताओं का प्रभाव है.राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि दलित वोट एक काडर वोट की तरह मतदान करता रहा है और एकमुश्त होकर अपनी राजनीतिक दिशा तय करता है. लोकसभा चुनाव में मोदी बनाम अन्य की लड़ाई में दलितों का रुख बीजेपी और सपा दोनों के लिए बेहद अहम है. मायावती से दलित वोटरों का मोह तेजी से भंग हो रहा है. राज्य के 20 जिलों में दलितों की जनसंख्या 25 फ़ीसदी से ज़्यादा है. 2011 की जनगणना की ही मानें तो उत्तर प्रदेश में 20 फ़ीसदी दलित आबादी है. 

संत शिरोमणि के अनुयायियों को दी बड़ी सौगात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शुक्रवार को संत रविदास मंदिर के समीप जनसभा को संबोधित कर संत रविदास के प्रतिमा का अनावरण किया. यह प्रतिमा 25 फीट ऊंची है और दुनिया में इतनी बड़ा संत रविदास की प्रतिमा कही भी नहीं बनी है. वाराणसी के संत शिरोमणि रविदास मंदिर के पास 4 हज़ार वर्ग मीटर में  बनने वाले म्यूज़ियम की लागत लगभग 24 करोड़ है.

यह संग्रहालय संत रविदास के विरासत में उनका जीवन, शिक्षाएं और रचनाओं को सजीव चित्रण करने वाला होगा. उनके सम्पूर्ण जीवन और दर्शन के बारे में बताएगा. संग्रहालय का शिलान्यास  भी पीएम करेंगे. वाराणसी सहित पंजाब और हरियाणा में रहने वाले संत शिरोमणि रविदास के अनुयायियों के लिए बड़ी सौगात है. संग्रहालय अनुयायियों को 15वीं -16वीं सदी में वापस ले जाएगा. 

क्यों खास है दौरा 
बता दें कि वाराणसी स्थित रविदास मंदर के से उत्तर प्रदेश ( पश्चिमी उत्तर प्रदेश खास तौर पर), पंजाब और हरियाणा सहित कई राज्यों के अनुयायियों की आस्था जुड़ी है. संत शिरोमणि के अनुयायियों में रामदासिया समाज की संख्या सबसे ज्यादा है,   इस वर्ग में पैठ मजबूत करने के लिए सियासी दल जुगत में लगे रहते हैं. ये वोटर पश्चिमी उत्तर प्रदेश की सियासत में खास भूमिका निभाते हैं. इसे बसपा के बड़े वोट बैंक के रूप में जाना जाता हैं. भाजपा इसी में सेंध लगाने में जुटी है. 

तीसरी बार करेंगे दौरा
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इससे पहले उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के ठीक पहले सीर पहुंचे थे. यहां उन्होंने लंगर खाकर खास वोट बैंक को संदेश दिया था. इसके साथ ही 2019 लोकसभा चुनाव से पहले भी प्रधानमंत्री मोदी यहां संगत में शामिल हुए थे. अब 2024 लोकसभा चुनाव से ठीक पहले पीएम मोदी तीसरी बार यहां पहुंच रहे हैं, सियासी गलियारों में चर्चा है कि पीएम मोदी एक बार फिर सियासी संदेश देकर पैठ मजबूत करेंगे. 

कई सीटों पर निर्णायक भूमिका में दलित वोटर
पूरब से लेकर पश्चिमी यूपी की कई सीटों पर दलित वोटर मुख्य भूमिका में हैं. यूपी में 17 लोकसभा सीटें आरक्षित हैं. इनमें से 2014 में बीजेपी सभी जीतने में सफल रही थी, वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी को 15 सीटें मिली थीं. दो रिजर्व सीट पर बसपा ने जीत दर्ज की थी.  

 

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