Lok sabha Chunav 2024: यूपी में ओबीसी वर्ग सबसे बड़ा वोट बैंक है. उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी करीब 52 फीसदी है. बीते कुछ चुनाव के आंकड़ों को देखें तो इन वर्ग पर बीजेपी ने पैठ जमाई है.
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Lok sabha Chunav 2024: सबसे ज्यादा 80 लोकसभा सीटों वाले उत्तर प्रदेश में जातीय समीकरण राजनीतिक दलों का खेल बनाने और बिगाड़ने में निर्णायक माने जाते हैं. सूबे में ओबीसी वर्ग सबसे बड़ा वोट बैंक है. उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी करीब 52 फीसदी है. बीते कुछ चुनाव के आंकड़ों को देखें तो इन वर्ग पर बीजेपी ने पैठ जमाई है. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी के साथ सपा, कांग्रेस और बसपा भी इनको साधने में जुटे हैं.
ओबीसी वोटबैंक का गणित
उत्तर प्रदेश में पिछड़ा वर्ग की आबादी को देखें तो यह 52 फीसदी के करीब है. ओबीसी की कुल 79 जातियां हैं. यह यादव और गैर यादव में बंटी है. यादव सबसे ज्यादा हैं जबकि दूसरे नंबर पर कुर्मी हैं. गैर यादव आबादी करीब 43 फीसदी के आसपास है. इसमें शाक्य, सैनी, लोध, निषाद, कुर्मी, कुशवाहा, कुम्हार और राजभर जैसी छोटी जातियां शामिल हैं. यादव वोटर्स की संख्या करीब 8 फीसदी है, जिसे समाजवादी पार्टी का कोर वोटर बैंक माना जाता है.
यूपी को चार हिस्सों (पूर्वांचल, अवध, बुंदेलखंड और पश्चिमी यूपी) में बांटें तो पूर्वांचल में लोकसभा की 26 सीटें हैं. जबकि अवध क्षेत्र में 18 सीटें आती हैं, यहां ओबीसी वर्ग की आबादी करीब 43 फीसदी है. यादव और कुर्मी वोटर 7-7 फीसदी हैं. वहीं बुंदेलखंड में पिछड़ा वर्ग की आबादी 43 फीसदी के आसपास है, इसमें सबसे ज्यादा कुर्मी, निषाद और कुशवाहा हैं. यादव वोटर्स के प्रभाव वाले जिलों में मैनपुरी, इटावा, फिरोजाबाद, कन्नौज, आजमगढ़, फैजाबाद, बदायूं, एटा और फर्रुखाबाद शामिल हैं.
बीजेपी ने जमाई पैठ
सीएसडीएस के आंकड़ों को देखें तो बीते 10 साल में उत्तर प्रदेश में ओबीसी वर्ग पर बीजेपी की पकड़ मजबूत हुई है. 2014 लोकसभा चुनाव में बीजेपी को करीब 34 प्रतिशत ओबीसी वोट मिले. जबकि 2019 में यह आंकड़ा बढ़कर 44 फीसदी पर पहुंच गया. 2022 विधानसभा चुनाव में भी ओबीसी ने बीजेपी के पक्ष में वोट किया. 2014 में बीजेपी ने जहां अकेले 71 सीटें जीती थीं वहीं 2019 में उसे 62 सीटों पर जीत मिली थी.
ओबीसी प्रत्याशियों पर दांव
भारतीय जनता पार्टी ने पहली सूची में 51 सीटों पर उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया. जिसमें सबसे ज्यादा टिकट ओबीसी वर्ग को दिए हैं. भाजपा ने 21 ओबीसी उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है. वहीं, सपा की पहली दो लिस्ट में घोषित 27 उम्मीदवारों में से 15 ओबीसी वर्ग से आते हैं.
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