लखनऊ के एडीसीपी ट्रैफिक पूणेंदु सिंह ने बताया कि आईआईटी( Indian Institute Of Technology)मद्रास में तैयार किया एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना का ट्रायल लखनऊ में शुरू हो गया है. इसका यूपी के 13 जिलों में ट्रायल होना है जिनमें लखनऊ भी शामिल है.
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लखनऊ: राजधानी लखनऊ में हो रहे सड़क हादसों पर अब न केवल ब्रेक लगेगा बल्कि शहर में कहां, कब और कैसे दुर्घटना हुई, इसकी जानकारी एक क्लिक पर उपलब्ध होगी. अक्सर एक ही जगह होने वाली दुर्घटनाओं का असली कारण नही पता चल पाता है, ऐसे में अब शहर में आइआरएडी(Integrated Road Accident Database) ऐप का ट्रायल शुरू हो गया. इस ऐप पर सड़क पर होने वाले छोटे से छोटे हादसों का ब्यौरा दर्ज किया जाएगा. पुलिस अब महज खानापूर्ति करके सड़क हादसे की रिपोर्ट नही बना पाएगी. क्योंकि आइआरएडी ऐप में पुलिस दुर्घटना से जुड़े करीब 29 बिंदुओं का ब्यौरा भरना पड़ेगा जो संबंधित विभाग जिसमें परिवहन विभाग, नगर निगम, पीडब्ल्यूडी और एनएचएआइ शामिल है उनको सीधे चला जाएगा.
आईआईटी मद्रास ने तैयार किया ऐप
लखनऊ के एडीसीपी ट्रैफिक पूणेंदु सिंह ने बताया कि आईआईटी( Indian Institute Of Technology)मद्रास में तैयार किया एकीकृत सड़क दुर्घटना डेटाबेस परियोजना का ट्रायल लखनऊ में शुरू हो गया है. इसका यूपी के 13 जिलों में ट्रायल होना है जिनमें लखनऊ भी शामिल है.
कैसे करेगा ऐप काम
दुर्घटना का दिन, तारीख, समय, घटना के वक्त रोशनी की स्थित, दुर्घटना में मौत हुई या घायल, हादसे से नुकसान, क्षतिग्रस्त वाहनों की संख्या, दुर्घटना का कारण, वाहन व उनके चालक की पूरी जानकारी, घटनास्थल का लैंडमार्क, वाहन की स्थिति, ओवर स्पीड-ओवर, ड्राइविंग लाइसेंस की वैधता, सड़क की स्थित की पूर्ण जानकारी के साथ एफआइआर नंबर, जांच अधिकारी का नाम आइआरएडी ऐप देगा. रियल टाइम में विवरण दर्ज करने के साथ ही संबंधित अधिकारी-अस्पताल को मोबाइल एप से सूचना भी भेजेगा. जिससे घायल को समय पर इलाज मिल सके.
पुलिस की टीम जो ब्यौरा भरेगी उस जानकारी के आधार पर शासन की एक टीम हादसों के कारणों पर रिसर्च करेगी और संबंधित विभाग उसका समाधान कराएंगे. इसके लिए बीट इंचार्ज और थानेदारों को ट्रैनिंग दी जा रही है. इससे दुर्घटना के कारणों पता चलने पर दुर्घटनाओं पर रोक लगाने में मदद मिलेगी.
6 राज्यो में शुरू हो रहा है ट्रायल
पहले चरण में, इस योजना को छह राज्यों में लागू करने का निर्णय लिया गया है. ये राज्य महाराष्ट्र, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश और तमिलनाडु हैं. आईआरएडी मोबाइल ऐप की ज़िम्मेदारी आईआईटी मद्रास तथा नेशनल इन्फॉर्मेटिक्स सेंटर सर्विसेज को दी गई है. यह योजना सूचना प्रौद्योगिकी आधारित प्रणाली पर प्रस्तावित है.
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