Lucknow Akbarnagar News: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में गोमती किनारे बनी अवैध बस्ती अकबरनगर में बुलडोजर धड़ाधड़ मकानों को गिराकर मैदान बना रहा है. फेज 1 में एक-एक मकान जमींदोज हो चुका है. शनिवार को फेज 2 में 1800 मकानों को भारी संख्या में सुरक्षाबलों के बीच गिराया जा रहा है. राजधानी लखनऊ के अकबरनगर में लखनऊ विकास प्राधिकरण की ओर से अवैध निर्माणों के ध्वस्तीकरण की कार्रवाई का ये छठवां दिन है. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई में अकबरनगर द्वितीय में करीब 1800 अवैध मकानों पर हथौड़ा चलेगा.


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योगी सरकार यहां भूमाफिया घुसपैठियों द्वारा कब्जा कर बनाए गए अवैध मकानों का ध्वस्त कर क्षेत्र को इको टूरिज्म का हब बनाने जा रही है. सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद योगी सरकार ने अवैध निर्माणों पर ये कार्रवाई की है. किसी तरीके का कोई उपद्रव ना हो सके इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.  


नदी बेसिन में कोई बसावट न हो-सीएम योगी
मुख्यमंत्री योगी ने निर्देश देते हुए कहा, यह सुनिश्चित कराया जाए कि नदी बेसिन में कोई बसावट न हो. पुराने तालाबों/पोखरों और अन्य जलाशयों को संरक्षित किया जाए. अतिक्रमण हो तो तत्काल हटाया जाए.


15 दिनों तक चलेगी कार्रवाई
कुकरैल नदी के पास सवेरा कॉलोनी में बहुमंजिला इमारतों और छोटे-बड़े शोरूमों को करीब एक दर्जन बुलडोजर लगाकर ढहाया जा रहा है. यहां बड़ी सख्या में कॉमर्शियल दुकाने भी हैं, उनको भी ध्वस्त किया जा रहा है. बताया जा रहा है कि आने वाले 15 दिनों तक ये कार्रवाई चलती रहेगी. ध्वस्तीकरण कार्रवाई की जद में 2 मस्जिद, 2 मदरसे और 1 स्कूल भी आ रहे हैं, जिन्हें तोड़ा जाना है.


अब एलडीए ने अकबरनगर प्रथम में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई शुरू कर दी है.  पहले दिन अकबरनगर में ध्वस्तीकरण कार्रवाई के दौरान कुल 45 अवैध मकानों को जमींदोज किया गया था. किसी तरीके का कोई उपद्रव ना हो सके इसको लेकर सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं.  घरों के सामने सिर्फ पुलिसकर्मी तैनात है जगह-जगह पर 57 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं जिसे 24 घंटे निगरानी की जा रही है. ध्वस्तीकरण के लिए 15 पोकलैंड मशीनें 12 जेसीबी और 15 वॉटर टैंकर इस्तेमाल किए जा रहे हैं.


कार्रवाई क्यों ?
कुकरेल नदी रिवर फ्रंट डेवलपमेंट करने के लिए लगभग दो हजार अवैध निर्माण गिराए जाएंगे.  यह कार्रवाई सोमवार से चल रही है. पहले दिन 45 अवैध निर्माण गिराए गए थे. बताया जा रहा है कि इस अवैध बस्ती को पूरी तरह से तोड़ने में लगभग 12 से 15 दिन का समय लगेगा.


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लोगों को किया जा रहा शिफ्ट
वहीं अकबरनगर से विस्थापित लोगों को प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत बने घरों में शिफ्ट भी किया जा रहा है.  शिफ्टिंग के लिए कुल बहुत सी लोडर गाड़ियां लगाई गई हैं. आपको बता दें कि अकबरनगर में ध्वस्तीकरण की कार्रवाई को लेकर 12 बड़ी पोकलेन मशीन, 9 जेसीबी मशीन, 15 वाटर टैंकर लगाए गए हैं.  इसके अलावा मौके पर भारी पुलिस बल के साथ PAC-RAF की 8 कंपनियां भी तैनात हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत अकबरनगर के विस्थापितों को बसंत कुंज में 310 स्क्वायर फीट के मकान दिए गए हैं.  


बसंतकुंज में नए मकान दिए
लखनऊ विकास प्राधिकरण के वीसी इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि काफी लंबे समय से यहां पर डिमोलिशन का काम चल रहा है लोगों से लगातार आग्रह कर उन्हें यहां से बसंतकुंज शिफ्ट किया जा रहा है. अभी तक 1900 मकान पंजीकृत हो चुके हैं और लगभग 1000 मकानों पर कब्जा भी दिया जा चुका है.  प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत इन लोगों को जहां पर मकान दिए गए हैं वह लगभग 310 स्क्वायर फीट के हैं.  जिन लोगों के घरों में संख्या ज्यादा है उन्हें एक से ज्यादा मकान भी दिए गए हैं 


अकबरनगर की आबादी
अकबरनगर कि अगर आबादी की बात करें तो यहां लगभग 80% मुसलमान और 20% हिंदू रहते थे.  यहां की आबादी लगभग 14000 के करीब है जिसमें लगभग 11000 मुस्लिम और 3000 हिंदू हैं. अभी तक यहां से 90% लोग पलायन कर गए हैं.


अकबरनगर के सौंदरीकरण की रूपरेखा भी तैयार
वही लखनऊ नगर निगम ने ध्वस्तीकरण के बाद अकबरनगर के सौंदरीकरण की रूपरेखा भी तैयार कर ली है. नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह ने बताया कि इस पूरी जगह की साफ सफाई के बाद यहां पर लाखों की संख्या में पौधा रोपण किया जाएगा.


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