मीडिया को लोकतंत्र का चौथा स्तंभ माना जाता है,लेकिन सत्ता प्रतिष्ठान की ओर से वो लगातार बढ़ते दबाव का सामना कर रहा है, फिर चाहे वो विधायिका, सरकार या कारपोरेट या कोई अन्य. लगातार सुनियोजित प्रयास हो रहा है कि मीडिया को ऐसे साधा जाए कि उनका एजेंडा पूरा हो सके.
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प्रेस की आजादी पर लगातार बढ़ते दबाव और हमलों को लेकर डॉ. सुभाष चंद्रा ने सोमवार को खुलकर अभिव्यक्ति दी.उन्होंने कहा, भारतीय मीडिया आजकल बड़े दबाव का सामना कर रहा है.लोकतंत्र के चौथा स्तंभ पर इतना दबाव पहले कभी नहीं रहा. देश के सबसे पहले न्यूज चैनल जी न्यूज के साथ हुए वाकये से ये सबक मिलता है.
डॉ. चंद्रा ने बताया कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल का साक्षात्कार कुछ विवादास्पद सामग्री के कारण जी न्यूज ने प्रसारित नहीं किया. पंजाब की आम आदमी पार्टी सरकार ने इसके बाद पूरे प्रदेश में Zee News,zee PHH और ZEE Delhi NCR चैनलों पर प्रतिबंध लगा दिया. जी एंटरटेनमेंट के चैनलों पर भी प्रतिबंध लगाया गया. जी न्यूज ने इसके खिलाफ कानूनी विकल्प इस्तेमाल करते हुए अदालत का दरवाजा खटखटाया. 8 दिन बाद ये चैनल वापस शुरू हो पाए. इसको लेकर पूर्व राज्यसभा सांसद डॉ.सुभाष चंद्रा ने मीडिया की आजादी की अहमियत पर जोर देते हुए कहा कि जी मीडिया हमेशा निष्पक्ष और विश्वसनीय समाचार प्रसारण के अपने रुख पर कायम रहेगा.
1. सत्य को पूरी हिम्मत के साथ सत्ता के सामने पेश करना.
2. सार्वजनिक मुद्दों पर ध्यान देना, चाहे वह सरकार की आलोचना हो या नहीं
3. पत्रकारों को दबाव का सामना करने और प्रतिकूल परिस्थितियों में सत्यनिष्ठा करने के लिए प्रशिक्षित करना
4. आवश्यकता हो तो प्रेस स्वतंत्रता के हनन के खिलाफ जनहित याचिकाएं दायर करने और कानूनी उपायों को तलाशना
दरअसल, जी मीडिया के प्रमुख चैनल जी न्यूज ने 23 मई को दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल का एक इंटरव्यू किया था. इस साक्षात्कार के बाद जी मीडिया की स्वतंत्र संपादकीय टीम ने कुछ विवादास्पद सामग्री के कारण इंटरव्यू को प्रसारित नहीं करने का निर्णय लिया. आम आदमी पार्टी ने जोर दिया कि जी न्यूज को पूरा साक्षात्कार प्रसारित करना चाहिए, अन्यथा वे गंभीर नतीजे भुगतेंगे. इसमें पंजाब सरकार की ओर से कोई भी विज्ञापन न देना भी शामिल है. फिर जी समूह के चैनलों को पंजाब मे प्रतिबंधित कर दिया गया.
डॉ. सुभाष चंद्रा ने 3 मई 2024 को विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर एक वीडियो संदेश भी जारी किया था. इसमें उन्होंने प्रेस की आजादी के महत्व पर जोर दिया था. प्रेस फ्रीडम की इस बेबाक अभिव्यक्ति की मीडिया जगत ने काफी सराहना की थी. उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस की, जिसमें वरिष्ठ मीडिया गण शामिल हुए और रचनात्मक बातचीत हुई. इस वाकये ने सरकार को स्पष्टीकरण मांगने पर मजबूर किया. ज़ी मीडिया ने इसे स्पष्ट तौर पर सरकार या किसी व्यक्ति विशेष के खिलाफ कदम नहीं बताया. यह भरोसा भी मिला कि चुनावों के बाद नई सरकार के साथ मिलकर प्रेस स्वतंत्रता को बढ़ावा देने के प्रयास किए जाएंगे.
डॉ. सुभाष चंद्रा ने कहा कि मीडिया की आजादी के बिना एक स्वस्थ लोकतंत्र की परिकल्पना भी नहीं की जा सकती. जी मीडिया की प्रतिबद्धता हमेशा इस आजादी को कायम रखने और सार्वजनिक हित की पत्रकारिता को बढ़ावा देने की होगी.