Bharatiya Nyaya Sanhita : गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन नए आपराधिक विधेयकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब ये कानून का रूप ले लेंगे. ऐसे में अब आपराधिक धाराएं भी बदल जाएंगी.
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Bharatiya Nyaya Sanhita : पिछले दिनों लोकसभा में गृह मंत्री अमित शाह द्वारा पेश किए गए तीन नए आपराधिक विधेयकों को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को मंजूरी दे दी है. इसके बाद अब ये कानून का रूप ले लेंगे. ऐसे में अब आपराधिक धाराएं भी बदल जाएंगी. तो आइये जानते हैं कौन सी महत्वपूर्ण धाराएं अब नए कानून में क्या हो जाएंगी?.
नए कानून में 358 धाराएं
भारतीय दंड संहिता की जगह अब भारतीय न्याय संहिता कानून हो गया. भारतीय दंड संहिता में 511 धाराएं थीं. वहीं, भारतीय न्याय संहिता में 358 धाराएं ही रह गई हैं. इसमें 20 नए अपराध शामिल किए गए हैं. इसके अलावा 33 अपराधों में सजा की अवधि बढ़ा दी गई है. 83 अपराधों में जुर्माने की रकम बढ़ाई गई है. 23 अपराधों में अनिवार्य न्यूनतम सजा का प्रावधान है. 6 अपराधों में सामुदायिक सेवा की सजा का प्रावधान किया गया है.
इन धाराओं में बदलाव किया गया
जिन प्रमुख धाराओं में बदलाव किया गया है उसमें सबसे अहम धारा 124 है. भारतीय दंड संहिता की धारा 124 राजद्रोह से जुड़ी थी. नए कानूनों में राजद्रोह को देशद्रोह में बदल किया गया. वहीं, आईपीसी की धारा 144 में गैर कानूनी सभा में शामिल होने से जुड़ा था. भारतीय न्याय संहिता के अध्याय 11 में सार्वजनिक शांति के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में रखा गया है. अब भारतीय न्याय संहिता की धारा 187 गैरकानूनी सभा के बारे में है.
हत्या में 302 की जगह 101
इसके अलावा हत्या से जुड़ी आईपीसी की धारा 302 थी. अब हत्या को भारतीय न्याय संहिता में धारा 101 में रखा गया है. वहीं, हत्या के प्रयास के लिए आईपीसी में धारा 307 थी, जो अब भारतीय न्याय संहिता में धारा 109 के तहत सजा सुनाई जाएगी.
रेप की ये है नई धारा
किसी से रेप करने पर धारा 376 के तहत सजा का प्रावधान था. भारतीय न्याय संहिता में इसे अध्याय 5 में महिलाओं और बच्चों के विरुद्ध अपराध की श्रेणी में जगह दी गई है. नए कानून में दुष्कर्म से जुड़े अपराध में सजा को धारा 63 में परिभाषित किया गया है. वहीं सामूहिक दुष्कर्म को आईपीसी की धारा 376 डी को नए कानून में धारा 70 में शामिल किया गया है.
ठगी पर नहीं लगेगी 420 की धारा
वहीं, भारतीय न्याय संहिता में धोखाधड़ी या ठगी का अपराध 420 में नहीं, अब धारा 316 के तहत आएगा. इस धारा को भारतीय न्याय संहिता में अध्याय 17 में संपत्ति की चोरी के विरुद्ध अपराधों की श्रेणी में रखा गया है.