UP News : यूपी में महज 5 हजार रुपये में संपत्ति का बंटवारा और वसीयत, परिवारों में कोर्ट केस से बचाने को सरकार का बड़ा ऐलान
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand2370904

UP News : यूपी में महज 5 हजार रुपये में संपत्ति का बंटवारा और वसीयत, परिवारों में कोर्ट केस से बचाने को सरकार का बड़ा ऐलान

UP News : अब यूपी में महज पांच हजार रुपये के स्टांप शुल्क में पारिवारिक संपत्ति का निपटारा किया जा सकेगा. इतने ही स्टांप शुल्क में कोई वसीयत भी अपने बीवी-बच्चों के नाम कर सकेगा.

cm yogi

UP News: उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवारों में अचल संपत्ति के बंटवारे के तमाम लंबित मामलों और विवाद की घटनाओं को देखते हुए बड़ा कदम उठाया है. अब यूपी में महज पांच हजार रुपये के स्टांप शुल्क में पारिवारिक संपत्ति का निपटारा किया जा सकेगा. इतने ही स्टांप शुल्क में कोई वसीयत भी अपने बीवी-बच्चों के नाम कर सकेगा.

न्यूनतम स्टाम्प से होगा सेटलमेंट आसान
मुख्यमंत्री ने कहा कि अधिक खर्च के कारण प्रायः परिवार में विभाजन की स्थिति में विवाद की स्थिति बनती है और कोर्ट केस भी होते हैं इसलिए न्यूनतम स्टाम्प शुल्क होने से परिवार के बीच सेटलमेंट आसानी से हो सकेगा. मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री जी के मार्गदर्शन में राज्य सरकार द्वारा आम आदमी के ईज़ ऑफ़ लिविंग के लिए अनेक प्रयास किये गए हैं. संपत्ति विभाजन और व्यवस्थापना प्रक्रिया में सरलीकरण से लोगों को और सुविधा होगी. 

क्या होता है विभाजन
- विभाजन रिकॉर्ड में सभी पक्षकार विभाजित सम्पत्ति में संयुक्त हिस्सेदार होते हैं और विभाजन उनके मध्य होता है.
- विभाजन रिकॉर्ड में प्रस्तावित छूट एक ही मृतक व्यक्ति के समस्त लीनियल डीसेंडेंट्स, जो सहस्वामी हों, को आच्छादित करेगी अर्थात यदि दादा की मूल सम्पत्ति में वर्तमान जीवित हिस्सेदार चाचा/भतीजा / भतीजी हैं, तो वह इसका उपयोग कर सकते हैं.

क्या होता है व्यवस्थापन 
- वस्थापन रिकॉर्ड में व्यवस्थापन कर्ता पक्षकार (जीवित) अपनी व्यापक सम्पत्ति को कई पक्षकारों के मध्य निस्तारित करता है.
- व्यवस्थापन रिकॉर्ड में प्रस्तावित छूट के अधीन व्यवस्थापन कर्ता पक्षकार अपने समस्त लीनियल डीसेंडेंट्स/डीसेंडेंट्स, जो किसी भी पीढ़ी के हों, के पक्ष में व्यवस्थापन कर सकता है. अर्थात सम्पत्ति यदि परदादा परदादी जीवित हों, तो उनके पक्ष में, और अगर प्रपौत्र/प्रपौत्री जीवित हों, तो उनके पक्ष में भी किया जा सकता है.

ये भी पढ़े-  UP News: यूपी के 40 जिलों में नए विश्वविद्यालय खोलने का ऐलान, दूसरे राज्यों में नहीं भटकेंगे छात्र

Electricity Rate UP: यूपी में क्या उपचुनाव के पहले बढ़ेगी बिजली दरें, ग्राहकों पर बोझ डालने को लेकर उठी आवाज

Trending news