UP News: यूपी सरकार ने काशी, आगरा को 'स्वास्थ्य का वरदान' देते हुए अस्पतालों में जारी नवनिर्माण प्रक्रिया को तेज करने के आदेश दे दिए हैं. सरकार के इस फैसले से मरीजों को ... पढ़िए पूरी खबर ...
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UP News: उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाने की दिशा में काम करते हुए योगी सरकार प्रदेश की जनता को स्वास्थ्य का वरदान देने की दिशा में भी निरंतर प्रयासरत है. योगी सरकार प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को अपग्रेड करने के लिए भी लगातार काम कर रही है. इसी दिशा में सीएम योगी की मंशा के अनुसार ही वाराणसी में 500 बेड वाला मल्टी सुपर स्पेशेलिटी चिकित्सालय (श्री शिवप्रसाद गुप्त मण्डलीय जिला चिकित्सालय-एसएसपीजी) तथा आगरा में 150 बेड वाले एलएलडी (लेडी लॉयल) जिला महिला अस्पताल के कायाकल्प व नए निर्माण की प्रक्रिया जारी है. इन दोनों ही निर्माण कार्यों की देखरेख के लिए सीएम योगी के निर्देशानुसार योजना विभाग द्वारा शुरू कर दी गई है. वहीं इनके साथ ही लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (ब्लड बैंक) में भी आधुनिक मशीनों के खरीद की प्रक्रिया शुरू हो गई है. इसके बाद अस्पताल की नागरिक सुविधाओं में इजाफा होगा.
करोड़ों का हो रहा है खर्च
सीएम योगी के निर्देश पर प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को बढ़ावा देने के लिए जिस योजना का निर्माण किया गया था. उस पर काम होना शुरू हो गया है. खास बात यह है कि वाराणसी में 500 बेड वाला मल्टी सुपर स्पेशेलिटी चिकित्सालय में 5.55 एकड़ की जमीन पर 161 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत से नए निर्माण के कार्य को पूरा किया जा रहा है. आगरा के एलएलडी (लेडी लॉयल) जिला महिला अस्पताल में 150 बेड वाले अप्पताल को 5 एकड़ के क्षेत्र में 100 करोड़ रुपए से ज्यादा की लागत के साथ विकसित किया जा रहा है.
केजीएमयू में मशीनों को अपग्रेड की प्रक्रिया शुरू
लखनऊ के किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के डिपार्टमेंट ऑफ ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन (ब्लड बैंक) में भी आधुनिक मशीनों को खरीदने के लिए गतिविधि शुरू हो गई है. इसके चलते ही कोबास एस 201 सिस्टम तथा फुली ऑटोमेटेड वॉक अवे सिस्टम को खरीदने की प्रक्रिया भी शुरू हो गई है. कोबास एस 201 सिस्टम फुली ऑटोमेटेड न्यूक्लिक एसिड टेस्टिंग (एनएटी) इनेबल्ड होगी. जबकि फुली ऑटोमेटेड वॉक अवे सिस्टम के जरिए ग्रुपिंग टेस्ट्स का मार्ग प्रशस्त होगा. ब्लड ग्रुपिंग, क्रॉस मैच टेस्ट, एंटीबॉडी स्क्रीनिंग टेस्ट, रीसस ग्रुप कन्फर्मेशन (वीक डी आइडेंटिफिकेशन), डायरेक्ट कूम्ब्स टेस्ट (डीसीटी) तथा एंटीजन एक्सटेंडेड फेनोटाइपिंग जैसी प्रक्रियाओं को पूर्ण करने में ये मशीनें सहायक होंगी और इससे नागरिकों को उत्तम स्वास्थ्य सेवाएं मिलने का मार्ग प्रशस्त होगा.
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