Captain Anshuman Singh: कैप्टन अंशुमान सिंह की कुछ महीनों पहले हुई थी शादी, AFMC टॉप कर बने थे सेना में डॉक्टर
Siachen Army Bunker Fire : सियाचिन में शहीद हुए लखनऊ के अंशुमान ने AFMC में टॉप किया था तब जाकर डॉक्टर बने थे. शुरुआत से एक मेधावी छात्र के तौर पर पहचान रखने वाले अंशुमान को जांबाजी विरासत में मिली थी.
Siachen Army Bunker Fire: पश्चिमी लद्दाख के सियाचिन में हुए हादसे में अपने साथियों को बचाते हुए शहीद हुए लखनऊ के कैप्टन अंशुमान सिंह ने इसी साल 10 फरवरी को शादी की थी. देवरिया के मूल निवासी अंशुमान की 6 महीने पहले ही बड़ी ही धूमधाम से शादी हुई थी लेकिन स्थिति ऐसी है कि आज लखनऊ के पारा मोहान रोड स्थित उनके घर में मातम का माहौल है. बुधवार सुबह सेना मेडिकल कोर के साथ ही कमांड अस्पताल के वरिष्ठ सैन्य अधिकारी की ओर से कैप्टन अंशुमान सिंह के घर यह दुखद सूचना दी गई कि कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हो गए.
राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल चैल के छात्र
सियाचिन ग्लेशियर में बंकर में आग लग गई जिसके कारण कैप्टन अंशुमान सिंह शहीद हुए. शहीद कैप्टन के पिता रवि प्रताप सिंह सेना में JCO के पद पर रहे और कैप्टन के चाचा समेत कई और परिवार के लोग सेना से अलग-अलग पदों के माध्यम से जुड़े रहे हैं. राष्ट्रीय मिलिट्री स्कूल चैल के छात्र रहे शहीद कैप्टन अंशुमान एक मेधावी छात्र के तौर पर जाने जाते थे और मिलिट्री स्कूल से ही उन्होंने अपनी शुरुआती पढ़ाई कीं. कैप्टन अंशुमान सिंह की माता जी मंजू सिंह हैं और उनके एक भाई घनश्याम सिंह है जो डॉक्टर हैं और एक बहन तान्या सिंह हैं वो भी डॉक्टर हैं और दोनों नोएडा में हैं.
AFMC पास कर चुके थे शहीद कैप्टन
पढ़ाई के बाद उनका आर्मर्ड फोर्स मेडिकल कालेज पुणे में चयन हुआ जहां से एमबीबीएस करने के बाद वो सेना की मेडिकल कोर से जुड़े. आगरा मिलिट्री हास्पिटल में उनकी ट्रेनिंग हुई और वहीं पर उनको तैनाती भी मिल गई. पिछले दिनों की बात है जब एक बटालियन के मेडिकल ऑफिसर के तौर पर कैप्टन की तैनाती कश्मीर के पुंछ सेक्टर में की गई थी. 15 दिन पहले रही कैप्टन सियाचिन गए थे.
पार्थिव शरीर
बताया जा रहा है कि शहीद कैप्टन का पार्थिव शरीर आज यानी गुरुवार को लखनऊ लाया जाना है. कैप्टन की शहादत की खबर सुन उनके पैतृक गांव बरडीहा दलपत में भी मातम पसरा हुआ है. सेना से सूबेदार पद से कैप्टन के पिता रवि प्रताप उर्फ अखिलेश प्रताप सिंह रिटायर हुए हैं और इस पद पर रहते हुए ही आलमनगर मोहान रोड पर उन्होंने अपना घर बनाया था, सपरिवार वहीं रह रहे हैं.
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