कोरोना मरीजों के इलाज में अधिक वसूली के आरोप में दोषी पाए गए मेट्रो सिटी, साईं लाइफ और आशी अस्पताल के खिलाफ गोमतीनगर और पीजीआई कोतवाली में शुक्रवार को एफआईआर दर्ज करा दी गई.
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मयूर शुक्ला\लखनऊ: राजधानी लखनऊ के तीन अस्पतालों पर प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. कोरोना मरीजों के इलाज में अधिक वसूली के आरोप में दोषी पाए गए मेट्रो सिटी, साईं लाइफ और आशी अस्पताल के खिलाफ गोमतीनगर और पीजीआई कोतवाली में शुक्रवार को एफआईआर दर्ज करा दी गई. अपर मुख्य चिकित्साधिकारी की तहरीर पर एफआईआर लिखी गई है.
3 लाख 93 हजार का बिल, वसूले 6 लाख 60 हजार
राजधानी लखनऊ के आशियाना निवासी कंचन रावत ने पति के इलाज में अधिक वसूली की शिकायत की थी. इसके बाद एसडीएम सरोजनीनगर संतोष कुमार ने डॉक्टर की टीम के साथ जांच शुरू की. जांच के दौरान उन्होंने पाया गया कि आशी अस्पताल कोविड इलाज की श्रेणी में ही नहीं आता है. फिर भी यहां पर कोविड मरीज का इलाज किया गया. इस दौरान मरीज की मृत्यु भी हो गई थी. रसीदों के अनुसार अस्पताल ने छह लाख 60 हजार रुपये वसूले जबकि बिल तीन लाख 93 हजार 904 रुपए का दर्शाया.
कच्ची पर्चियों के अधार पर हुई वसूली
वृंदावन योजना में रहने वाले रजत जैन ने अधिक वसूली की शिकायत की थी. जिस पर जिला प्रभारी अधिकारी रौशन जैकब ने जांच कराई थी. मेट्रो सिटी पर आरोप था कि कच्ची पर्चियों के आधार पर ऑनलाइन व नकद भुगतान कराया गया. इसके बाद ओएसडी राजस्व परिषद अपूर्वा यादव और चिकित्साधिकारी डॉ. शैलेश कुमार ने जांच की तो अस्पताल में अधिक शुल्क वसूली होती मिली.
चल रहा था फर्जीवाड़ा
पीजीआई इलाके में स्थित साईं अस्पताल में काफी गड़बड़ी पाई गई. बीएएमएस को आइसीयू प्रभारी बनाया गया था. नौ नर्सें कागजों पर तैनात थीं, लेकिन जांच टीम को मौके पर एक ही मिली. एक अप्रैल से 20 मई के बीच अस्पताल में 58 मरीज भर्ती हुए, जिनमें से 13 की मौत हो गई. यहां मरीजों से प्रतिदिन 50 हजार रुपये जमा कराए जाते थे. इसकी भी नोडल अधिकारी ने जांच कराई थी.
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