बिहार STF की यूपी के मऊ में बड़ी कार्रवाई, 2 अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, बड़ी संख्या में हथियार बरामद
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बिहार STF की यूपी के मऊ में बड़ी कार्रवाई, 2 अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, बड़ी संख्या में हथियार बरामद

प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पुलिस,एसटीएफ और एटीएस ने अवैध असलहा बनाने वाली फैक्ट्रियों पर समय समय पर छापा मारा और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए.

 

बिहार STF की यूपी के मऊ में बड़ी कार्रवाई, 2 अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़, बड़ी संख्या में हथियार बरामद

विशाल सिंह/लखनऊ: यूपी में एक बार फिर से अवैध असलहों की खेप तैयार की जा रही है. हथियारों की मांग में भारी बढ़ोतरी और लाइसेंसिंग प्रक्रिया की जटिलता की वजह से अवैध हथियारों के कारोबार को बढ़ावा मिला है. उत्तर प्रदेश, अवैध हथियारों की मंडी बन चुका है. देशी हथियारों के साथ विदेशी अवैध हथियारों की आमद और खरीद फरोख्त में यूपी में खासी तेजी आई है. 

गुरुवार को बिहार एसटीएफ की विशेष टीम ने यूपी एसटीएफ (Up STF) और उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से उत्तर प्रदेश के मऊ जिला के कोतवाली थाना क्षेत्र में छापेमारी कर दो अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए 9 कुख्यात हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया. 

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पकडे गए हथियारों की लिस्ट
प्रदेश के अलग-अलग जिलों से पुलिस,एसटीएफ और एटीएस ने अवैध असलहा बनाने वाली फैक्ट्रियों पर समय समय पर छापा मारा और बड़ी संख्या में हथियार बरामद किए. 7.6 5 एमएम का ३१ अर्द्धनिर्मित देसी पिस्टल, २४ बिना बैरल की बॉडी , १२० लोहे की पीठिया, 165 लोहे के खांचे ,354 पिस्टल की बैरल, 8 डाई मशीन, 95 स्लाइडर, 235 लोहे के फार्मा बरामद किए.

दो अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ 
दो राज्यों की एसटीएफ और पुलिस के ऑपरेशन ने इन अपराधियों के मंसूबो पर पानी फेर दिया. बिहार एसटीएफ की विशेष टीम ने यूपी एसटीएफ और उत्तर प्रदेश पुलिस के सहयोग से उत्तर प्रदेश के मऊ जिला के कोतवाली थाना क्षेत्र में छापेमारी कर दो अवैध मिनी गन फैक्ट्री का भंडाफोड़ करते हुए 9 कुख्यात हथियार तस्करों को गिरफ्तार किया. 

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दोनों अपराधी बिहार के मुंगेर के रहने वाले सहोदर भाई
गिरफ्तार किए गए मोहम्मद तबरेज और मोहम्मद तनवीर को जो कनेक्शन निकला वो हैरान कर देने वाला था. दोनों बिहार के मुंगेर के रहने वाले सहोदर भाई हैं और दोनों की शादी उत्तर प्रदेश के मऊ जिला में हुई. जहां पर यह दोनों आरोपी दूसरे अभियुक्तों के साथ मिलकर संगठित रूप से अवैध असलहों का निर्माण कर व्यापक पैमाने पर उसका कारोबार कर रहे थे. बता दें कि बिहार के मुंगेर जिले को अवैध हथियारों की सबसे बड़ी मंडी कहा जाता है. यहीं से पूरे पूर्वी भारत में हथियार भेजे जाते है.

इससे पहले भी हुई धरपकड़ और बरामदगी

  • 23 nov 2019 को खालिस्तानी आतंकियों को गोला बारूद और असलहों की सप्लाई करने वाले दो तस्करों को यूपी एटीएस ने शामली से गिरफ्तार किया था. इनके पास के एक पिस्टल, एक तमंचा व कारतूस बरामद हुए हैं जो यूपी की ही अवैध शस्त्र फैक्ट्री में बने हुए थे
  • जून 2020 को महोबा के कबरई थाना क्षेत्र के मकरवई गांव में अवैध असलहे की फैक्ट्री पकड़ी गई
  • मई 2020 को मुज़फ्फरनगर बुढ़ाना कोतवाली पुलिस ने अवैध शस्त्र फैक्ट्री से 5 मस्कट बन्दूक, 5 तमंचे और भारी मात्रा में इसे बनाने का सामान बरामद किया था.
  • 2020 अगस्त में ही अलीगढ़ बाबा कॉलोनी में पुलिस ने एक मकान पर छापामार कर अवैध हथियारों की फैक्ट्री सील की थी . यहां 6 लोग तमंचा बनाते हुए पकड़े गए और 2 मौके से फरार हो गए. पुलिस ने 9 तमंचे, 1 पिस्टल, 32 बोर, भारी मात्रा में नाल और हथियार बनाने का सामान किया बरामद किया.
  • फरवरी २०२१ में इटावा पुलिस ने अवैध असलहे की फैक्ट्री का खुलासा करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने 11 अवैध असलहा, 02 अर्धनिर्मित अवैध असलहा, और अन्य उपकरण बरामद भी किया.
  • 13 जून 2021 को यूपी एटीएस ने अरीवैध तके से असलहे बनाने की फैक्ट्री का भंडा फोड़ करते हुए प्रतापगढ़ के लालगंज क्षेत्र से 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार
  • अभियुक्तों में तीन बिहार के मुंगेर के रहने वाले थे जो यहां आकर न सिर्फ अवैध असलहे बना रहे थे बल्कि दूसरे युवकों को इसकी ट्रेनिंग भी दे रहे थे.

असलहा निर्माण और तस्करी के काले धंधे में यूपी के कई जिलों में पहले भी कई ऑपरेशन जांच एजेंसियों की तरफ से किये जा चुके हैं.

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इससे पहले भी हुई धरपकड़ और बरामदगी
23 nov 2019 को खालिस्तानी आतंकियों को गोला बारूद और असलहों की सप्लाई करने वाले दो तस्करों को यूपी एटीएस ने शामली से गिरफ्तार किया था. इनके पास के एक पिस्टल, एक तमंचा व कारतूस बरामद हुए हैं जो यूपी की ही अवैध शस्त्र फैक्ट्री में बने हुए थे

जून 2020 को महोबा के कबरई थाना क्षेत्र के मकरवई गांव में अवैध असलहे की फैक्ट्री पकड़ी गई

मई 2020 को मुज़फ्फरनगर बुढ़ाना कोतवाली पुलिस ने अवैध शस्त्र फैक्ट्री से 5 मस्कट बन्दूक, 5 तमंचे और भारी मात्रा में इसे बनाने का सामान बरामद किया था.
2020 अगस्त में ही अलीगढ़ बाबा कॉलोनी में पुलिस ने एक मकान पर छापामार कर अवैध हथियारों की फैक्ट्री सील की थी . यहां 6 लोग तमंचा बनाते हुए पकड़े गए और 2 मौके से फरार हो गए. पुलिस ने 9 तमंचे, 1 पिस्टल, 32 बोर, भारी मात्रा में नाल और हथियार बनाने का सामान किया बरामद किया.

फरवरी २०२१ में इटावा पुलिस ने अवैध असलहे की फैक्ट्री का खुलासा करते हुए तीन अपराधियों को गिरफ्तार किया था. पुलिस ने 11 अवैध असलहा, 02 अर्धनिर्मित अवैध असलहा, और अन्य उपकरण बरामद भी किया.

13 जून 2021 को यूपी एटीएस ने अरीवैध तके से असलहे बनाने की फैक्ट्री का भंडा फोड़ करते हुए प्रतापगढ़ के लालगंज क्षेत्र से 6 लोगों को गिरफ्तार किया था. गिरफ्तार अभियुक्तों में तीन बिहार के मुंगेर के रहने वाले थे जो यहां आकर न सिर्फ अवैध असलहे बना रहे थे बल्कि दूसरे युवकों को इसकी ट्रेनिंग भी दे रहे थे.
असलहा निर्माण और तस्करी के काले धंधे में यूपी के कई जिलों में पहले भी कई ऑपरेशन जांच एजेंसियों की तरफ से किये जा चुके हैं. असलहा बनाने वाले मैकेनिकों को ये तमाम गिरोह प्रशिक्षित करता है. ये मैकेनिक पहले अपराधियों की जिज्ञासा जानते है फिर उनकी कीमत बताते हैं. बाजार दर की अपेक्षा आधी कीमत पर असलहा उपलब्ध कराने का आश्वासन देते है और उन्हें तैयार करते हैं. कुछ समय बाद अवैध तरीके से तैयार असलहे उपलब्ध कराते हैं.

अवैध असलहा के कारोबार के तीन अंग
अवैध असलहा के कारोबार के तीन अंग होते हैं. इनमें निर्माण, कोरियर और मांग शामिल हैं. इनमें कोरियर सबसे महत्वपूर्ण अंग है. अवैध असलहे की डिमांड और निर्माण आसानी से किया जाता है लेकिन इसकी डिलीवरी सबसे कठिन कार्य है.

असलहे का अनुमानित मूल्य 
देशी तमंचा - 3 से 5 हजार के बीच
देशी पिस्टल - 10 से 15 हजार के बीच
पाकिस्तानी पिस्टल - 15 से 20 हजार के बीच
अफगानिस्तानी पिस्टल - 12 से 15 हजार के बीच

प्रदेश की एजंसियो के सामने सबसे बड़ी चुनौती
गैंगस्टर और गिरोह चलाने वाले इन असलहा मंडी के सबसे बड़े खरीददार होते हैं. अब प्रदेश की एजंसियो के सामने सबसे बड़ी चुनौती है की किस तरह से इस पूरे तंत्र बेनकाब किया जाये और इसके बढ़ते प्रभाव पर लगाम लगाई जाए.

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