पंतनगर में घरों के बाहर चस्‍पा किए रजिस्‍ट्री पेपर, बच्‍चों ने मकान बचाने के लिए ढूंढा विरोध का अनोखा तरीका
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पंतनगर में घरों के बाहर चस्‍पा किए रजिस्‍ट्री पेपर, बच्‍चों ने मकान बचाने के लिए ढूंढा विरोध का अनोखा तरीका

Lucknow News : पंतनगर के लोगों का कहना है कि उनके पास बिजली बिल, नगर निगम से मकान का कर आदि का पूरा ब्‍योरा है. वह कई वर्षों से यहां रह रहे हैं. अगर उनका घर तोड़ दिया जाएगा तो वह बेघर हो जाएंगे.

Lucknow Pantnagar

Lucknow News : लखनऊ के अकबरनगर बस्‍ती ध्‍वस्‍त करने के बाद अब लखनऊ विकास प्राधिकरण (LDA) की नजर कुकरैल नदी के किनारे बसीं अवैध बस्तियों पर है. इन्‍हीं में से एक है लखनऊ का पंत नगर. पंतनगर के लोगों ने बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में अभियान छेड़ दिया है. पंतनगर के लोगों ने बुलडोजर की कार्रवाई के विरोध में घरों के बाहर रजिस्‍ट्री पेपर चिपका दिए हैं. स्थानीय नागरिकों ने घरों के बाहर रजिस्ट्री पेपर चिपकाकर विरोध करने का नया तरीका ढूंढ निकाल लिया है. स्थानीय नागरिकों ने कहा कि हम पीछे नहीं हटेंगे. 

बुलडोजर के विरोध में अभियान चलाया 
पंतनगर के लोगों का कहना है कि उनके पास बिजली बिल, नगर निगम से मकान का कर आदि का पूरा ब्‍योरा है. वह कई वर्षों से यहां रह रहे हैं. अगर उनका घर तोड़ दिया जाएगा तो वह बेघर हो जाएंगे. रहने के लिए उनके पास छत तक नहीं बचेगी. स्‍थानीय लोगों का कहना है कि वह एलडीए के बुलडोजर कार्रवाई के विरोध में अभियान चलाएंगे. वह घरों के बाहर रजिस्‍ट्री पेपर भी चस्‍पा कर दिया है. सरकार पहले रहने के लिए सब सुविधाएं देती हैं फ‍िर उसी को अवैध बता देती है. 

बच्‍चों ने अनोखे तरीके से किया विरोध 
वहीं, पतंनगर के बच्‍चों ने भी बुलडोजर की कार्रवाई के विरोध में अनोखा तरीका ढूंढ निकाला है. यहां के बच्‍चों ने सरकार से गुहार लगाई है कि उनके मकान की रजिस्‍ट्री उनके मां-बाप के पास है. उनका मकान पूरी तरह से वैध हैं. उनके मकान न तोड़े जाएं वरना वह बेघर हो जाएंगे. बता दें कि रहीमनगर, खुर्रमनगर, पंतनगर, इंद्रप्रस्‍थ कॉलोनी और अकबरनगर से लेकर स्‍कॉर्पियो क्‍लब तक करीब एक हजार से ज्‍यादा मकान तोड़े जाने हैं. इन मकानों में कुछ ऐसे भी हैं जिन्‍हें बनाने में करोड़ों का खर्चा आया है. 

सिंचाई विभाग ने सर्वे का काम पूरा किया 
सिंचाई विभाग के अधिकारियों का कहना है कि कुकरैल नदी पर हुए अवैध अतिक्रमण को लेकर हमारा सर्वे पूरा हो चुका है. लेकिन, मकान की कुल संख्या बता नहीं सकते हैं. अधिकारियों का कहना है कि हमारा काम नदी से 50 मीटर की दूरी तक मकान को चिन्हित करने का था. उनकी संख्या गिनने का नहीं. मगर सूत्रों की मानें, तो लगभग 1000 मकान यहां होने की संभावना है. जल्‍द ही एलडीए अकबरनगर की तरह इन बस्तियों पर भी बुलडोजर की कार्रवाई करेगा. 

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