उन्हें सचिव नोएडा विकास प्राधिकरण के पद पर तैनाती के दौरान अथॉरिटी की अर्जित और कब्जा प्राप्त भूमि को नियमविरुद्ध तरीके से लीज बैक करने का आरोपी पाया गया है.
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पवन सेंगर/लखनऊ: वर्ष 1997 बैच के सीनियर पीसीएस अफसर हरिश्चंद्र को तत्कालीन सचिव नोएडा विकास प्राधिकरण के पद से हटा दिया गया है. भ्रष्टाचार के मामले में शासन ने ये कार्रवाई नोएडा की सीईओ ऋतु महेश्वरी की रिपोर्ट पर की है.
भ्रष्टाचार के मामले में कार्रवाई
उन्हें सचिव नोएडा विकास प्राधिकरण के पद पर तैनाती के दौरान अथॉरिटी की अर्जित और कब्जा प्राप्त भूमि को नियमविरुद्ध तरीके से लीज बैक करने का आरोपी पाया गया है.
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वित्तीय क्षति की वसूली के आदेश
मुख्यमंत्री कार्यालय से इस बात की जानकारी ट्वीट के माध्यम से दी गई. सीएम योगी आदित्यनाथ ने इस मामले में दोषी पाए जाने के बाद पदच्युत करने के साथ ही हुई वित्तीय क्षति की वसूली के आदेश भी दिए हैं.
#UPCM श्री @myogiadityanath जी ने तत्कालीन सचिव, नोएडा विकास प्राधिकरण को दायित्व निर्वहन में अनियमितता के दोष में सेवा से पदच्युत करने के आदेश दिए हैं।@spgoyal@sanjaychapps1@74_alok pic.twitter.com/GCdsv66Z6S
— CM Office, GoUP (@CMOfficeUP) July 20, 2021
अगस्त 2018 में एक विवाद के बाद निलंबित
बता दें कि अगस्त 2018 में नोएडा में रिटायर्ड कर्नल और पीसीएस अधिकारी हरिश्चंद्र के बीच एक विवाद के बाद उनको निलंबित कर दिया गया था. तब यूपी पीसीएस एसोसिएशन ने मुख्य सचिव से वरिष्ठ पीसीएस अधिकारी और मुजफ्फरनगर के निलंबित एडीएम हरिश्चंद्र और रिटायर्ड कर्नल वीरेंद्र सिंह चौहान से जुड़े विवाद की निष्पक्ष न्यायिक जांच कराने की मांग की थी.
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