Lucknow News: लखनऊ का नामी हार्ट हॉस्पिटल ढहाने की तैयारी, मनमानी के खिलाफ बुलडोजर एक्शन
Shekhar Hospital in Lucknow: शेखर अस्पताल के अवैध निर्माण पर बुलडोजर एक्शन होने वाला था लेकिन कोर्ट के मौखिक आदेश के बाद शेखर अस्पताल पर बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है.....
लखनऊ: पिछले कुछ समय से हमें उत्तर प्रदेश में बुलडोजर एक्शन देखने को मिल रहा है. इस बार जहां बुलडोजर चलने की खबर सामने आ रही है वो यूपी की राजधानी लखनऊ है. बताया जा रहा है कि लखनऊ के इन्दिरा नगर में स्थित शेखर अस्पताल के अवैध निर्माण पर आज बुलडोजर एक्शन होने वाला था लेकिन कोर्ट के मौखिक आदेश के बाद शेखर अस्पताल पर बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है. यह एक्शन आवास विकास परिषद की तरफ से किया जा रहा था. ध्वस्तीकरण की कार्रवाई के लिए कुछ दिन पहले ही शेखर अस्पताल पर नोटिस चिपकाया गया था और कार्रवाई के लिए पुलिस फोर्स की मांग कि गई थी.
12 साल पहले अवैध निर्माण का पहला नोटिस भेजा था
शेखर अस्पताल का भवन इंदिरा नगर योजना के सेक्टर सी में भूखंड संख्या 2 पर बना है. आवास विकास के अभियंताओं ने लगभग 12 साल पहले अवैध निर्माण कार्य करने पर अस्पताल प्रशासन को पहला नोटिस भेजा था. इसके बावजूद, मानचित्र को स्वीकृत कराए बिना ही अस्पताल ने 3 मंजिल के बजाए 6 मंजिल भवन बनाया.
3 मंजिल का नक्शा पास कराकर 6 मंजिल भवन बनाया
परिषद से ध्वस्तीकरण का नोटिस मिलने पर अस्पताल प्रशासन उच्च न्यायालय गया था, लेकिन उन्हें वहां राहत नहीं मिली. शनिवार को ध्वस्तीकरण का नोटिस चस्पा कर दिया गया. निर्माण खंड लखनऊ 7 के अधिशासी अभियंता गौतम कुमार ने बताया कि छह मंजिला भवन में तीन अवैध मंजिलों का निर्माण हुआ है. कुल 1795.25 वर्गमीटर क्षेत्र में अनाधिकृत निर्माण ध्वस्त किया जाएगा.
कार्ट का आदेख
कोर्ट के मौखिक आदेश के बाद शेखर अस्पताल पर बुलडोजर की कार्रवाई पर रोक लगा दी गई है आपको बता दें की शेखर अस्पताल के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चलना था जिसको लेकर आवास विकास में क्रॉस के निशान भी लगा दिए बुलडोजर अस्पताल पर पहुंच भी गया था लेकिन कोर्ट ने मौखिक रूप से कहा है कि जब तक पूरी तरह से आदेश ना हो जाए तब तक कुछ समय के लिए बुलडोजर ना चलाया जाए.
शेखर हॉस्पिटल के मालिक के खिलाफ सीबीआई जांच
इंदिरानगर स्थित शेखर हॉस्पिटल के मालिक डॉ. आमोद कुमार सचान के खिलाफ ईडी ने सीबीआई जांच की सिफारिश की है. आपको बता दें कि पिछले 5 महीने से ईडी गोपनीय जांच कर रही थी. इसमें डॉ. सचान के पास आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने और गैरकानूनी तरीके से करोड़ों का लेन-देन करने का पुख्ता सबूत मिले.