लखनऊ: उत्तर प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों में एमबीबीएस (MBBS) की पढ़ाई अब हिंदी (Hindi) में कराई जाएगी. चिकित्सा शिक्षा एवं प्रशिक्षण महानिदेशक (Director General of Medical Education and Training) ने सभी कॉलेजों के प्रधानाचार्य, संस्थानों के निदेशक और केजीएमयू के कुलपति को पत्र भेजा है. चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक किंजल सिंह की ओर से सभी मेडिकल कॉलेजों को इसका सख्ती से पालन कराए जाने के निर्देश दिए गए हैं. भेजे गए पत्र में कहा गया है कि 31 सितंबर को शासन की ओर से मेडिकल कॉलेजों में हिंदी में पढ़ाई शुरू करने का निर्देश दिया गया है। ऐसे में हिंदी में पठन- पाठन की व्यवस्था सुनिश्चित कराई जाए.


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मिलेगा मातृभाषा को बढ़ावा
उत्तर प्रदेश में पिछले साल मेरठ के एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज (LLRM Medical College) में हिंदी भाषा में पढ़ाई शुरू की गई थी. हिंदी भाषा में पढ़ाई होने से अंग्रेजी में कमजोर छात्रों को फायदा मिलेगा,हालांकि हिंदी की किताबों में तकनीकी शब्दावली अंग्रेजी में ही रखी गई है.ऐसे में हिंदी मातृभाषा को तो बढ़ावा मिलेगा ही, साथ ही ग्रामीण इलाकों से आने वाले ऐसे विद्यार्थी जिनकी अंग्रेजी कमजोर होती है उनको इससे बड़ी राहत मिलेगी. कई स्टूडेंट्स की अंग्रेजी कमजोर होने के कारण पाठ्यक्रम को ढंग से समझ नहीं पाते और फेल हो जाते हैं. ऐसा होने से अब वे आराम से पढ़ाई कर सकेंगे. हिंदी भाषा में ही परीक्षा में सवालों का जवाब भी दे सकेंगे.  


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अंग्रेजी में तकनीकी शब्दावली
एलएलआरएम मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्य प्रो आरसी गुप्ता के मुताबिक हिंदी की किताब में तकनीकी शब्दावली अंग्रेजी में ही रखी गई है. उसे हिंदी में समझाया भी गया है. इसलिए छात्रों को समझने में आसानी होगी. सभी मेडिकल कॉलेज एमबीबीएस कोर्स की हिंदी भाषा में किताबें छात्रों को उपलब्ध कराएंगे. लाइब्रेरी में भी पर्याप्त किताबें हिंदी में उपलब्ध कराई जाएंगी, जिससे विद्यार्थियों को परेशानी का सामना न करना पड़े.


ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में अंग्रेजी में ही लेक्चर
एमबीबीएस कोर्स (MBBS course) की किताबें हिंदी में भी हैं, लेकिन ज्यादातर मेडिकल कॉलेजों में अंग्रेजी में ही लेक्चर दिया जाता है.  एमबीबीएस प्रथम वर्ष के छात्रों को एनाटॉमी, फिजियोलॉजी और बायो-केमिस्ट्री पढ़ाई जाती है.  इन विषयों की किताबें हिंदी में उपलब्ध हैं. अब चिकित्सा शिक्षा महानिदेशक की तरफ  से सभी मेडिकल कॉलेजों को निर्देश के बाद यहां टीचरों को हिंदी में पढ़ाई करानी होगी. MBBS प्रथम वर्ष की पढ़ाई शुरू करने से पहले, छात्रों को अंग्रेजी पढ़ाई जाती है.  अगर हिंदी में किताबें उपलब्ध होंगी तो वे बेहतर सीखेंगे।


पिछले साल हुई थी कमेटी गठित
पिछले वर्ष चिकित्सा शिक्षा विभाग के निर्देश पर महानिदेशालय ने हिंदी में पढ़ाई कराने के लिए कमेटी गठित की थी. कमेटी की रिपोर्ट देर में आने के कारण यह लागू नहीं हुआ था. अब शुरू हुए एमबीबीएस के इस सत्र से हिंदी में पढ़ाई कराना सुनिश्चित किया जाएगा.


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