Atal Residential Schools: यूपी में अब श्रमिकों के बच्चे बोर्डिंग स्कूल में पढ़ने जायेंगे. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ड्रीम प्रोजेक्ट में शुमार अटल आवासीय विद्यालयों में छात्रों के लिए पढ़ने के अलावा रहने की भी व्यवस्था होगी. अटल आवासीय विद्यालय में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को शिक्षा ग्रहण कराई जाएगी. हाईटेक लाइब्रेरी और स्पोर्ट्स फैसिलिटी भी मौजूद.
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ 12 सितंबर को राजधानी लखनऊ में सभी 18 मंडलों में अटल आवासीय विद्यालयों के नए शैक्षिक सत्र 2024-25 की शुरुआत करेंगे.
अटल आवासीय विद्यालय में 6480 छात्र-छात्राएं नए सत्र में प्रवेश करेंगे. पिछले वर्ष 11 सितंबर को पहले शैक्षिक सत्र का शुभारंभ हुआ था. श्रमिक और कोविड-19 में अनाथ हुए बच्चों को मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना के तहत शिक्षा दी जा रही है
ये अटल आवासीय विद्यालयों का दूसरा सत्र होगा. आइए जानते हैं योगी सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में क्या है और अभी कितने छात्र और छात्राएं शिक्षा पा रहे हैं.
सभी अटल आवासीय विद्यालय सीबीएसई पैटर्न के साथ ही नई शिक्षा नीति (NEP) पर आधारित पाठ्यक्रम लागू हैं. इसके तहत स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, साइंस लैब, एस्ट्रोनॉमी लैब इत्यादि की सुविधा प्रदान की जा रही है।
18 मंडलों में संचालित हो रहे इन स्कूलों में फिलहाल 6480 छात्र पढ़ाई कर रहे हैं. इस स्कूल में रजिस्टर्ड निर्माण श्रमिकों के बच्चों, कोविड 19 में अनाथ हुए बच्चों और मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना से जुड़े अनाथ बच्चों को समाज की मुख्य धारा से जोड़ने की पहल की गई है.
नवोदय विद्यालय की तर्ज तैयार हो रहे इन विद्यालयों में श्रम विभाग में पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों को स्तरीय शिक्षा प्रदान की जाएगी.
इन विद्यालयों में 1000 बच्चों के रहने की व्यवस्था है. हर अटल आवासीय विद्यालय में 500 छात्र और 500 छात्राओं यानी कुल मिलाकर 1000 स्टूडेंट्स को निशुल्क आवासीय सुविधा के साथ शिक्षा दी जा रही है.
यहां पर स्मार्ट क्लास, कंप्यूटर लैब, हाईटेक लाइब्रेरी, साइंस लैब जैसी सुविधाएं मौजूद हैं. इसके अलावा अटल स्कूलों में बच्चों को निशुल्क भोजन और पौष्टिक आहार भी प्रदान किए जाने की व्यवस्था है.
इसके अलावा, फिजिकल डेवलेपमेंट को प्रोत्साहित करने के लिए इनडोर और आउटडोर दोनों तरह की खेल सुविधाएं उपलब्ध हैं. छात्रों को खेलकूद की सामग्री उपलब्ध कराई गई है. खेलों के जरिए उनके ऑलराउंड डेवलपमेंट पर फोकस किया जा रहा है.
यही नहीं व्यक्तित्व का समग्र विकास, आध्यात्मिक विकास (योग प्राणायाण, ध्यान), मूल्य आधारित शिक्षा, कौशल आधारित शिक्षा, व्यवसायिक शिक्षा, तकनीकी शिक्षा, पर्यावरणीय संवेदनशीलता, जीवन कौशल और योग्यता आधारित लर्निंग्स पर विशेष ध्यान दिया जा रहा है.
इस आवासीय विद्यालय में निर्माण श्रमिकों के 6 से 14 वर्ष तक की आयु वर्ग के बच्चों को प्राथमिक, जूनियर हाईस्कूल और माध्यमिक शिक्षा की सुविधा उपलब्ध कराते हुए गुणवत्तापरक शिक्षा दी जाएगी. इनका चयन काउंसलिंग के आधार पर होगा.