दरअसल, लखनऊ और भोपाल को आपस में जोड़ने की तैयारी है. अभी लखनऊ से भोपाल पहुंचने में करीब 14 से 15 घंटे का सफर लगता है. जबकि लखनऊ से भोपाल की दूरी 600 किलोमीटर ही है.
लखनऊ से भोपाल तक नया एक्सप्रेसवे बनने के बाद यह 14 से 15 घंटे का सफर महज 7 घंटे में पूरा किया जा सकेगा. दोनों राज्यों के लोग फर्राटेदार सफर का मजा ले सकेंगे.
बता दें कि लखनऊ और भोपाल को जोड़ने वाले इस एक्सप्रेसवे को तीन अलग-अलग हाईवे से जोड़ा जाएगा, जो चार से 6 लेन का है. इसको लेकर काम भी शुरू कर दिया गया है.
इसके लिए कानपुर से कबरई हाईवे, कबरई से सागर हाईवे और सागर से भोपाल हाईवे को तीन हिस्सों के तहत बनाया जा रहा है. इसे ऐसे डिजाइन किया जा रहा है कि लखनऊ और भोपाल को बुंदेलखंड से भी जोड़ा जा सकेगा.
खास बात यह है कि लखनऊ से भोपाल तक बनने वाले इस एक्सप्रेसवे को यमुना एक्सप्रेसवे की तरह बनाया जाएगा. इसे लखनऊ से कानपुर फोनलेन हाईवे और एक्सप्रेसवे से रास्ता देने की योजना है.
नौबस्ता कानपुर से कबरई हाईवे को जोड़ने के लिए करीब 124 किलोमीटर लंबा हाईवे बन रहा है. साथ ही कबरई में एक बाईपास भी बनाया जा रहा है. इससे वाहन आबादी वाले इलाके के बाहर से ही निकल जाएंगे.
वहीं, कबरई से सागर तक 245 किलोमीटर लंबा फोरलेन हाईवे बनाया जा रहा है. यही फोरलेन हाईवे सोगर से भोपाल तक ले जाया जाएगा. इसकी लंबाई करीब 150 किलोमीटर होगी.
लखनऊ से भोपाल तक नया एक्सप्रेसवे बनने से कानपुर शहर, कानपुर देहात, हमीरपुर और महोबा जिले आपस में जुड़ जाएंगे. साथ ही इनको सीधा फायदा होगा. इसके अलावा बुंदेलखंड को भी जोड़ा जाएगा.
इस फोर टू सिक्स लेन एक्सप्रेसवे पर पिछले पांच साल से काम चल रहा है. इसे बनाने में कुल 11 हजार करोड़ रुपये की लागत आने का अनुमान लगाया गया है.
लेख में दी गई ये जानकारी सामान्य स्रोतों से इकट्ठा की गई है. इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि स्वयं करें. एआई के काल्पनिक चित्रण का जी यूपीयूके हूबहू समान होने का दावा या पुष्टि नहीं करता.