Primary Teachers Promotion News: उत्तर प्रदेश के 1.14 लाख से ज्यााद परिषदीय प्राथमिक विद्यालयों में काम करने वाले सहायक शिक्षकों के प्रमोशन पर पिछले छह महीने से चर्चा है और इस संबंध में आदेश पर आदेश जारी किए जा रहे हैं लेकिन मुश्किल ये है कि पदोन्नति कब होगी इस बारे में अब तक कुछ पता नहीं चल पा रहा है. 


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प्रमाणपत्र की मांगा 
बेसिक शिक्षा परिषद के सचिव है प्रताप सिंह बघेल जिन्होंने 31 जनवरी को एक समयसारिणी निकाली है जिसके मुताबिक 10 अप्रैल तक तय पदों के लिए पदोन्नति की जानी थी. वरिष्ठता सूची की आपत्तियों का दो महीने पहले तक निस्तारण किए जाने के बाद अंतिम सूची वेबसाइट पर डाल दी गई. अब सचिव के द्वारा एक पत्र 18 जुलाई को जारी की गई और सभी बेसिक शिक्षा अधिकारियों से पदोन्नति के लिए अंतिम ज्येष्ठता सूची सही होने का 24 जुलाई तक प्रमाणपत्र मांगा है. 


तीन साल में प्रमोशन का नियम
यह स्पष्ट नहीं है कि जिलों में रिक्त कितने पदों के लिे पदोन्नति होनी है और अंतर जनपदीय पारस्परिक स्थानान्तरण के लिए साथियों का चयन करने लेने के बाद शिक्षक बहुत अधिक परेशान हैं कि आखिर ट्रांसफर से पहले कहीं चुने गए साथी शिक्षक का पहले प्रमोशन हुआ तो कहीं उनका ट्रांसफर न अटक जाए. दूसरा पहलू ये है कि प्रमोशन न होने से प्रदेश के लाखों शिक्षकों को मंधली औसतन ढाई से तीन हजार रुपयों की हानि हो रही है. ज्यादातर स्कूलों में प्रभारी प्रधानाध्यापक कार्यरत हैं. ये हाल तब है जब प्राइमरी स्कूलों में तीन साल में प्रमोशन के नियम है. देखने वाली बात है कि नियुक्त शिक्षकों का प्रमोशन फरवरी 2009 के बाद प्रयागराज में ही नहीं किया गया. 


ट्रांसफर का सत्यापन
परिषदीय प्राथमिक व उच्च प्राथमिक विद्यालय में काम करने वाले शिक्षकों के जिले के भीतर ट्रांसफर के लिए दिए गए एप्लिकेशन का सत्यापन आने वाले 26 जुलाई तक किया जाएगा. 26 जुलाई की रात 12 बजे तक आवेदनों के सत्यापन की कार्यवाही पूर्ण करने के सचिव के द्वारा निर्देश दिए गए हैं. पहले यह तारीख 22 जुलाई तक तय थी.


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