मेजर ध्यानचंद के नाम पर हुआ 'राजीव गांधी खेल रत्न' पुरस्कार, CM योगी ने PM को कहा धन्यवाद
Advertisement
trendingNow0/india/up-uttarakhand/uputtarakhand959042

मेजर ध्यानचंद के नाम पर हुआ 'राजीव गांधी खेल रत्न' पुरस्कार, CM योगी ने PM को कहा धन्यवाद

देश में खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991-92 में राजीव गांधी के नाम पर हुई थी. पहला खेल रत्न पुरस्कार भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था. 

सांकेतिक तस्वीर.

लखनऊ: केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने 'राजीव गांधी खेल रत्न' पुरस्कार का नाम बदलकर 'मेजर ध्यान चंद खेल रत्न' पुरस्कार कर दिया है. इस फैसले के लिए उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया है. यह खेल के क्षेत्र में दिया जाने वाला देश का सर्वोच्च सम्मान है, जिसकी शुरुआत 30 वर्ष पहले पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के नाम पर हुई थी. 

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ट्वीट किया, ''उत्तर प्रदेश में जन्मे देश के हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद जी के नाम पर खेल रत्न पुरस्कार का नामकरण असंख्य खेल प्रेमियों व सम्पूर्ण खेल जगत का सम्मान है. उत्तर प्रदेश की ओर से आपका हृदय से आभार आदरणीय प्रधानमंत्री जी.'' यह मांग काफी लंबे समय से चलती आ रही थी. शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नाम बदलने की घोषणा ट्विटर के जरिए की.

देश में खेल रत्न पुरस्कार की शुरुआत 1991-92 में राजीव गांधी के नाम पर हुई थी. पहला खेल रत्न पुरस्कार भारतीय ग्रैंड मास्टर विश्वनाथन आनंद को दिया गया था. अब तक 45 खिलाड़ी इस पुरस्कार से सम्मानित हो चुके हैं. हाल में क्रिकेटर रोहित शर्मा, पैरालंपियन हाई जम्पर मरियप्पन थंगवेलु, टेबल टेनिस प्लेयर मनिका बत्रा, रेसलर विनेश फोगाट को यह पुरस्कार दिया गया है. इस पुरस्कार के तहत खिलाड़ी एक प्रशस्ति पत्र, मोमेंटो और 25 लाख रुपए की राशि दी जाती है.

संभल जिले के 25 हिंदू परिवारों ने पलायन की दी चेतावनी, वजह कर देगी हैरान

आपकी जानकारी के लिए बता दें कि हॉकी के जादूगर मेजर ध्यानचंद का जन्म 29 अगस्त 1905 को इलाहाबाद (अब प्रयागराज) में हुआ था. उन्हें हॉकी के खेल का महानतम खिलाड़ी माना जाता है. हॉकी खेलने वाले दूसरे देश ध्यानचंद को विजार्ड और मैजिशियन जैसी संज्ञा देते हैं. मेजर ध्यानचंद ने नई दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान में 3 दिसंबर 1979 को अंतिम सांस ली. उन्हें भारत रत्न देने की भी मांग काफी लंबे समय से होती रही है, लेकिन अब तक नहीं मिला है.

WATCH LIVE TV

Trending news