आजमगढ़ के 300 मदरसों में बड़ी धांधली, 100 सिर्फ कागजों में चल रहे, 23 के विरुद्ध FIR दर्ज
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आजमगढ़ के 300 मदरसों में बड़ी धांधली, 100 सिर्फ कागजों में चल रहे, 23 के विरुद्ध FIR दर्ज

शिक्षकों की तनख्वाह से लेकर सभी जरूरी सहूलियतें उपलब्ध करायी जा रहीं थीं. लेकिन भौतिक सत्यापन में पाया गया है कि कई मदरसे ऐसे हैं जो सिर्फ कागजो में संचालित हैं.

सांकेतिक तस्वीर.

मोहम्मद गुफरान/आजमगढ़: यूपी के आजमगढ़ में मदरसों के नाम पर बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है. जिले में संचालित लगभग 683 मदरसों में 300 मदरसे ऐसे है जहां पर शिक्षकों और कर्मचारियों की नियुक्ति से लेकर कागजों में हेरफेर करने समेत कई गंभीर आरोप लगे हैं. जिन 300 मदरसों में अनियमितता पायी गई है उसमें 100 ऐसे मदरसे थे जिन्हें सरकार से सभी तरह की सुविधाए उपलब्ध करायी जा रहीं थीं.

एक ही घर के सभी लोगों की नियुक्ति हो गई
शिक्षकों की तनख्वाह से लेकर सभी जरूरी सहूलियतें उपलब्ध करायी जा रहीं थीं. लेकिन भौतिक सत्यापन में पाया गया है कि कई मदरसे ऐसे हैं जो सिर्फ कागजो में संचालित हैं. जमीन पर इनका कोई आस्तित्व ही नहीं है. कुछ मदरसे ऐसे हैं जहां नियमों को ताक पर रखकर एक ही घर के सभी लोग शिक्षक नियुक्त हो गए हैं. इस तरह फर्जीवाड़ा करके सरकार को करोड़ों की चपत लगायी जा रही थी.

योगी सरकार करवा रही इन मदरसों की जांच
दरअसल वर्ष 2017 में शासन स्तर से यूपी के सभी मदरसों का डेटा ऑनलाइन करने का आदेश जारी किया गया. मदरसों की डिटेल पोर्टल पर अपलोड करते समय आजमगढ़ जिला अल्पसंख्यक कल्याण विभाग की तरफ से सभी 683 मदरसों का भौतिक सत्यापन कराया गया. इनमें 300 मदरसों का फर्जीवाड़ा पकड़ में आया. इन 300 में 100 मदरसे सिर्फ कागजों में संचालित थे.

एसआईटी ने 23 के विरुद्ध एफआईआर दर्ज की
आरोप है कि आजमगढ़ में मदरसों के नाम से रजिस्ट्रेशन और मान्यता लेने के बाद दूसरे विद्यालयों का संचालन किया जा रहा था. जिला अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी ने इन मदरसों की मान्यता रद्द करने की संस्तुति की थी. योगी सरकार ने इस मामले की एसआईटी जांच करायी. एसआईटी ने 23 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज करायी है जिसमें कई मदरसा संचालक, शिक्षक और कर्मचारी शामिल हैं. बाकी अन्य मदरसों की जांच प्रक्रिया चल रही है.

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