Lucknow News: उत्तर प्रदेश में अब बड़े शहरों की तर्ज पर छोटे शहरों में भी हाउस टैक्स के नियम जारी कर दिए गए हैं. नगर विकास विभाग के द्वारा छोटे शहरों के लिए जारी नियमावली के मुताबिक होटल, कॉलेज, एटीएम और बैंक चलाने वाले भवनों को तीन गुना टैक्स देना होगा जबकि मेडिकल स्टोर और टेंट हाउस चलाने वाले भवनों से दो गुना कर वसूलने की तैयारी की जा रही है. छोटे शहरों में इमारतों का कॉमर्शियल उपयोग कर मोटा मुनाफा कमाने वालों को दो से तीन गुना टैक्स देना होगा. 


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

कैबिनेट से मिली थी मंजूरी 
11 वर्ग मीटर क्षेत्रफल की दुकानों से सामान्य गृह कर लिया जाएगा. सड़क की चौड़ाई और भवन के उपयोग के हिसाब से गृहकर तय होगा. बता दें बीते दिनों योगी कैबिनेट ने नगर निगम की तरह ही नगर पालिका परिषद और नगर पंचायत में रहने वालों को हाउस टैक्स जमा करने के लिए स्वकर निर्धारण सिस्टम को लागू करने की मंजूरी दी थी. 


नगर निगम में पहले से लागू है व्यवस्था
वर्तमान में प्रदेश के 17 नगर निगम में यह व्यवस्था लागू है. जिसे अब छोटे शहरों में भी लागू किया जाएगा. अभी तक यहां कोई नियमावली लागू नहीं थी. जिसके चलते हाउस टैक्स की वसूली अनिवार्य रूप से नहीं हो पा रही थी. बोर्ड की मंजूरी लेकर निकाय प्रमुख इसमें छूट देते रहे हैं. अब नगर पालिका परिषद और पंचायत में भी गृहकर की वसूली की जाएगी. जानकारी के मुताबिक शहरी सीमा में जिन गांवों को शामिल किया गया है, उनसे 5 साल तक या विकास होने तक हाउस टैक्स नहीं वसूला जाएगा.


इनसे सामान्य टैक्स
सरकारी हॉस्टल, राजकीय या एडेड स्कूल, स्वीमिंग पुल, खेल केंद्र, जिम, थियेटर ( सांस्कृतिक कार्यक्रम वाले), डांस -सिंगिंग केंद्र से नियत तर पर समान हाउस टैक्स लिया जाएगा. छोटे इंडस्ट्रियल इकाई, सिंगल स्क्रीन थियेटर, 120 वर्ग फीट या 11.14 वर्गमीटर क्षेत्रफल की चाय, दूध, अंडा, लांड्री, फल-सब्जी, नाई, टेलर की दुकानों से सामान्य हाउस टैक्स लिया जाएगा. 


यह भी पढ़ें - यूपी विधानसभा उपचुनाव 2024 में मुस्लिम प्रत्याशी उतारेगी बीजेपी, इस सीट से दांव आजमाएगी


यह भी पढ़ें -  यूपी में आंदोलन की तैयारी में प्राइमरी स्कूलों के शिक्षक, डिजिटल हाजिरी के बहिष्कार के साथ हंगामा तेज