उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था होगी और चौकस और चाकचौबंद होगी.नए आपराधिक कानून भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 के अंतर्गत कड़े कदम उठाए गए हैं. इसमें बलात्कार पीड़िता की मेडिकल जांच रिपोर्ट सात दिनों के अंदर जांच अधिकारी को भेजना अनिवार्य होगी.बलात्कार पीड़िता के बयान को किसी भी इलेक्ट्रानिक माध्यम से रिकार्ड किया जा सकेगा.


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बलात्कार पीड़िता का बयान एक पुरुष और एक महिला मजिस्ट्रेट की उपस्थिति में दर्ज होगा. बलात्कार सामूहिक बलात्कार संज्ञेय अपराध के संदर्भ में ऑनलाइन एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी. संज्ञेय अपराध को लेकर किसी भी पुलिस स्टेशन में एफआईआर दर्ज कराई जा सकेगी.पुलिस की रिपोर्ट 14 दिनों के भीतर आरोपी पीड़ित पक्ष को निःशुल्क देनी होगी.पीड़ित पक्ष को 90 दिन के भीतर संचार या इलेक्ट्रानिक माध्यम से शिकायत के बाद प्रगति रिपोर्ट देनी होगी.