Lucknow News: सीएम योगी का विभागों को अल्टीमेटम, 15 दिन में गड्ढामुक्त हों सड़कें, पांच साल की गारंटी दें ठेकेदार
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Lucknow News: सीएम योगी का विभागों को अल्टीमेटम, 15 दिन में गड्ढामुक्त हों सड़कें, पांच साल की गारंटी दें ठेकेदार

Lucknow News:मुख्यमंत्री योगी ने खराब सड़कों के सुधार कार्यों की विभागीय समीक्षा की. उन्होंने गड्ढा मुक्त सड़कों और नई सड़कों के निर्माण के अभियान के लिए जियो टैगिंग और पीएम गतिशक्ति पोर्टल से इसे जोड़ने के दिशा निर्देश दिए हैं.

CM Yogi Adityanath (File Photo)

Lucknow News: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सड़कों को गड्ढामुक्त बनाने के लिए विशेष अभियान 10 अक्टूबर तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं.  शारदीय नवरात्रि, दशहरा तथा दीपावली जैसे त्योहारों को देखते हुए सीएम ने यह निर्देश दिया है.

मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्व व त्योहारों पर प्रदेश में आवागमन सामान्य की अपेक्षा अधिक होता है. बड़ी संख्या में विदेशी पर्यटक भी आते हैं. हर एक आदमी के लिए सड़क पर चलना सुखद अनुभव वाला हो, यह हम सभी की साझा जिम्मेदारी है. गड्ढामुक्त करने और सड़कों की मरम्मत का काम अच्छी गुणवत्ता के साथ होना चाहिए. 
मुख्यमंत्री जी ने मंडी परिषद को निर्देश देते हुए कहा कि किसान सड़कों का सबसे बड़ा उपभोक्ता है. किसानों की सुविधा का खास ध्यान रखा जाए. एफडीआर पद्धति से सड़कें बनाई जाएं. इस पद्धति के माध्यम से प्राकृतिक संसाधनों, धन व समय की बचत होती है तथा कार्य की गुणवत्ता में सुधार होता है. उन्होंने कहा कि मंडी समिति के अंतर्गत आने वाली सभी सड़कों की मरम्मत एवं ड्रेनेज का कार्य निर्धारित समय में पूर्ण किया जाए. क्वालिटी का विशेष ध्यान रखा जाए. वहीं, एनएचएआई के अधिकारियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री जी ने कहा कि जब तक हाईवे का निर्माण कार्य पूर्ण न हो जाए तब तक टोल टैक्स की वसूली न की जाए. 

गड्ढा मुक्ति अभियान के लिए विभागीय कार्ययोजना से अवगत होते हुए मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि सड़कों के लिए बजट का कोई अभाव नहीं है, आवश्यकता है कि सभी विभाग बेहतर नियोजन करें. उन्होंने सभी विभागों को यह निर्देश दिए कि यह सुनिश्चित किया जाए कि सड़क बनाने वाली एजेंसी/ठेकेदार सड़क बनने के अगले पांच वर्ष तक उसके अनुरक्षण की जिम्मेदारी भी उठाएगा. इस बारे में नियम-शर्ते स्पष्ट रूप से उल्लिखित की जाएं. विभागीय मंत्री व अधिकारी फील्ड में रैंडम दौरा कर निर्माण परियोजनाओं की साप्ताहिक समीक्षा करें. कार्यों के प्रति जवाबदेही भी तय की जाय. मुख्यमंत्री जी ने कार्य को मैनुअल के स्थान पर मैकेनाइज़्ड किये जाने पर बल दिया. उन्होंने कहा कि सभी विभागों के पास सड़क मरम्मत के लिए पर्याप्त इक्विपमेंट होने चाहिए. सड़कों के पैच ठीक करने की कार्रवाई ऑटो मोड पर की जानी चाहिए.  

मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़कों पर किए जाने वाले बेतरतीब कार्यों से दुर्घटना होने की संभावना बनती है. सड़कों पर सीवर लाइन तथा पाइपलाइन आदि डालने के बाद ठीक ढंग से मरम्मत की जानी चाहिए. सड़कों पर ऊंचे ब्रेकर से दुर्घटना होने की संभावना बनती है. अतः सड़कों पर टेबल टॉप ब्रेकर का निर्माण किया जाए. गड्ढामुक्ति और नवनिर्माण के अभियान की जियो टैगिंग कराई जाए. इसे पीएम गतिशक्ति पोर्टल से जोड़ा जाना चाहिए, साथ ही इसी तर्ज पर अपना पोर्टल भी विकसित किया जाना चाहिए ताकि कार्य की गुणवत्ता की अनवरत मॉनीटरिंग की जा सके. एक्सप्रेसवे की मरम्मत का कार्य भी आगे बढ़ाया जाए, जिससे पर्व व त्योहारों पर लोगों का आवागमन सुगम हो सके. एमपी तथा एमएलए निधि के अंतर्गत बनी सड़कों की मरम्मत के लिए कार्य योजना तैयार करें.

मुख्यमंत्री ने कहा कि गन्ना विभाग द्वारा गन्ना समिति तथा विद्यालयों के भवनों की मरम्मत की जाए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में ग्राम सचिवालयों की अवधारणा को केंद्र सरकार ने मॉडल के रूप में स्वीकार किया है. ग्राम सचिवालयों की तर्ज पर गन्ना समिति के कार्यालयों का अपग्रेडेशन किया जाए. किसानों के लिए डिस्प्ले बोर्ड पर उपयोगी सूचनाएं प्रदर्शित की जाएं तथा किसानों की क्वेरीज का समाधान किया जाए. 

प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों पर मंडी समिति तथा औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सीएसआर पद्धति के माध्यम से पेयजल, टॉयलेट, कैंटीन आदि सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए प्रस्ताव तैयार किया जाए. इस कार्य से महिला स्वयं समूहों को भी जोड़ा जाए. मंडियों में कैंटीन के माध्यम से किसानों के लिए कम कीमत में भोजन की उपलब्धता सुनिश्चित की जाए. औद्योगिक प्रतिष्ठानों में सुरक्षा व्यवस्था के लिए सीसीटीवी, स्ट्रीट लाइट तथा साफ सफाई आदि की व्यवस्था सुनिश्चित की जाए. 

मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जनपदों के नगर पंचायत,नगर निगम तथा नगर पालिका परिषदों में प्राइम लोकेशनों पर स्मार्ट रोड की अवधारणा को आगे बढ़ाया जाए. स्मार्ट रोड पर एक जैसी फसाड लाइट लगाई जाएं. नगर विकास विभाग भी शहरों की फसाड लाइटिंग में समरूपता प्रदर्शित करे.

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