UP UK Protest Against New Motor Vehicle Act: यूपी-उत्तराखंड के 40 जिलों में प्रदर्शन-सड़क जाम, हड़ताली न माने तो सरकार उठा सकती है कठोर कदम
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UP UK Protest Against New Motor Vehicle Act: यूपी-उत्तराखंड के 40 जिलों में प्रदर्शन-सड़क जाम, हड़ताली न माने तो सरकार उठा सकती है कठोर कदम

Truck Driver Strike: देश में लागू हुए नए हिट एंड रन कानून के खिलाफ ट्रक और बसों चालकों देश भर में हड़ताल कर रखी है. यूपी और उत्तराखंड में भी इसका असर देखने को मिला है. जानें कैसा था आज उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड का हाल....

 

Uttar Pradesh And Uttarakhand

Uttar Pradesh And Uttarakhand: नए सड़क दुर्घटना कानून के विरोध में ट्रक और बसों चालकों ने चक्का जाम कर रखा है. उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के भी कई जिलों में हड़ताल के कारण लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. लखनऊ परिवहन आयुक्त ने सभी मंडलायुक्त और डीएम को दिशा निर्देश दिए कि सभी सहायक प्रबंधक/सहायक क्षेत्रीय प्रबंधक कर्मचारी यूनियन के साथ बैठकर हड़ताल समाप्त करने को लेकर वार्ता करने को कहा है. उत्तराखंड सरकार भी इस हड़ताल को खत्म करने के लिए प्रयास कर रही है. सबसे पहले उत्तर प्रदेश के जनपदों की बात करते हैं.

इस नए सड़क कानून के खिलाफ वाराणसी समेत पूरे प्रदेश में आज दूसरे दिन भी हड़ताल की गई. जिसकी वजह से ट्रक और बस चालकों ने जगह-जगह अपने वाहन खड़े कर दिए हैं, और रोडवेज बसें भी नहीं चल रही हैं. वाराणसी में रोडवेज बस कर्मचारी व निजी वाहन कर्मचारी की हड़ताल से यात्री परेशान हैं. यूपी में बस और ट्रक चालकों ने नए कानून के विरोध में 1 जनवरी के बाद दूसरे दिन भी हड़ताल जारी है. जिसकी वजह से उत्तर प्रदेश में परिवहन विभाग के अंतर्गत चलने वाले सरकारी वाहनों व निजी चालकों ने हड़ताल की है. वाराणसी से आजमगढ़, गाजीपुर, जौनपुर, प्रयागराज, चंदौली, लखनऊ जाने के लिए यात्रियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.

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इस हड़ताल का असर पूरे प्रदेश के कई जिलों में दिख रहा है. कई स्थानों पर ट्रक चालकों ने हाईवे तक जाम कर रखा है. इससे दैनिक व्यवस्थाएं प्रभावित हुईं. शहरों में रोडवेज के संविदा चालकों ने ई-रिक्शा, टेंपो-ऑटों को जबरन हड़ताल में शामिल कर लिया. इससे लोकल परिवहन भी प्रभावित हुईं. दिन में खबर आई कि लखनऊ में संविदा चालकों ने चारबाग डिपो के एआरएम को डंडों से पीटा. चार के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है.  अमौसी तेल डिपो के चालकों की हड़ताल से ईंधन तथा एलपीजी भरे ट्रक नहीं निकले. 

हड़ताल की पहले से कोई सूचना नहीं होने से व्यवस्थाएं ज्यादा प्रभावित हुईं. जब तक प्रशासन हरकत में आता, तब तक कई जगह हाईवे जाम हो गए. हड़ताल की किसी ने जिम्मेदारी नहीं ली. एक वायरल पत्र के आधार पर पूरे प्रदेश में हड़ताल हो गई. कानपुर सहित मध्य यूपी, बुंदेलखंड में चालकों और ट्रांसपोर्टरों की हड़ताल का व्यापक असर दिखा. हमीरपुर, उरई, फतेहपुर, कानपुर देहात में ट्रक चालकों ने जाम लगाया जिससे लोग परेशान हुए. 

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हमीरपुर में कानपुर-सागर नेशनल हाईवे पर मौदहा में जाम से दो घंटे हाईवे पर वाहन फंसे रहे. फर्रुखाबाद, कन्नौज, उन्नाव, इटावा और हरदोई में हड़ताल का मिला जुला असर रहा. इस हड़ताल का पूर्वांचल में व्यापक असर देखने को मिला. पूर्वांचल में लगभग 600 बसें नहीं चलीं. इससे पांच करोड़ से अधिक का नुकसान बताया जा रहा है. वहीं निजी ट्रांसपोर्टरों के हड़ताल में शामिल होने से कई जिलों में निजी बसें, टैक्सी, ऑटो भी नहीं चले. भारी संख्या में यात्री परेशान होते रहे. सबसे अधिक असर आजमगढ़, जौनपुर, बलिया के लोगों को झेलनी पड़ी. मजबूरन लोगों को ट्रेनों का सहारा लेना पड़ा. हड़ताल की वजह से भदोही में जीटी रोड पर लंबा जाम लग गया. अब बात उत्तराखंड के जनपदों की

कुमाऊ मंडल
हिट एंड रन मामले में केंद्र सरकार द्वारा कानून लाये जाने के मामले में महासंघ टैक्सी यूनियन कुमाऊ मंडल नें 3 जनवरी यानी कल से हड़ताल का आवाहन किया है, कुमाऊं में कल से करीब 15 हज़ार से अधिक टैक्सी के पहिये थम जायेंगे, दूसरी तरफ ड्राइवरों की हड़ताल के चलते पेट्रोल पंपो पर पेट्रोल का संकट गहराने लगा है, हल्द्वानी के कई पेट्रोल पंप पर आज सुबह ड्राई की स्थिति पैदा हो गई थी, जबकि पहाड़ों में अधिकतर पेट्रोल पंप ड्राई हो गए हैं, पर्वतीय पेट्रोलियम डीलर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष का कहना है कि कल से हड़ताल के बाद पेट्रोल की सेल में तेजी आई है लेकिन पेट्रोल खत्म होने के आसार नजर आने लगे हैं.

टैक्सी यूनियन के पदाधिकारियों ने कहा कि सरकार को काला कानून वापस लेना होगा नहीं तो एक स्वर में इस कानून का विरोध किया जाएगा, हिट एन्ड रन कानून मामले के विरोध में 1 जनवरी से सभी ट्रांसपोर्टर, रोडवेज़ बस चालक हड़ताल पर हैँ, टैक्सी चालकों के हड़ताल पर जाने से पूरे कुमाऊं में यात्रियों को भारी दिक्क़तों का सामना करना पड़ सकता है. रोडवेज ड्राइवरों के हड़ताल के चलते हल्द्वानी डिपो की 60 से अधिक बसें खड़ी हो गई है, जिससे दिल्ली देहरादून, हरिद्वार,जयपुर, चंडीगढ़ जाने वाली यात्रियों की दिक्कतें बढ़ गई है, हल्द्वानी के रोडवेज स्टेशन पर दिल्ली, देहरादून, जयपुर जाने वाले यात्री घंटे तक खड़े रहे लेकिन उन्हें बस नहीं मिल सकी, अब यात्री अपने लिए ट्रेन और टैक्सी का इंतजाम करने में जुटे हुए हैं, नए साल की शुरुआत में ही स्थानीय यात्रियों के अलावा पर्यटकों को भी आवाजाही में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है, बताया जा रहा है कि अगले तीन दिन तक रोडवेज बस ड्राइवरों की हड़ताल जारी रहेगी जिससे यात्रियों की दिक्कत है और बढ़ सकती हैं, बस एक्सीडेंट पर ड्राइवर को सजा और जुर्माने के प्रावधान के विरोध में उत्तराखंड राज्य परिवहन निगम के चालक परिचालकों के कार्य बहिष्कार के चलते रोडवेज बसों के पहिये पूरी तरह थमे रहे, हल्द्वानी से एक भी रोड पर बसे नहीं चलने के चलते यात्री मायूस नजर आए, यात्री सामान लेते भटकते रहे लेकिन रोडवेज की तरफ से उन्हें कोई उम्मीद दूर-दूर तक नजर नहीं आई. 

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भारतीय न्याय संहिता के तहत वाहन दुर्घटना से जुड़े हिट एंड रन मामले में देश भर में विरोध प्रदर्शन बढ़ता जा रहा है. मंगलवार को ट्रक बस ड्राइवरों, टैक्सी से लेकर ई रिक्शाचालकों के भी न चलने से संकट गहरा गया है. हड़ताल के तीसरे दिन पेट्रोल-डीजल के पंपों, दूध, फल-सब्जी जैसी आवश्यक वस्तुओं की सप्लाई भी लड़खड़ाने लगी है. पेट्रोल पंप बंद हो जाने की दहशत में टंकी फुल कराने की ऐसी होड़ मची है कि कानपुर, लखनऊ से लेकर तमाम बड़े शहरों में लंबी कतारें लग गई हैं.कई जगह तो पेट्रोल डीजल का स्टॉक खत्म हो गया. लखनऊ में जिलाधिकारी ने आवश्यक सेवाओं और वस्तुओं की आवाजाही में रुकावट डालने को लेकर चेतावनी दी है. वहीं केंद्र सरकार और 30 लाख से ज्यादा ट्रकों बसों का प्रतिनिधित्व करने वाली ऑल इंडिया मोटर ट्रांसपोर्ट कांग्रेस के प्रतिनिधियों के बीच वार्ता शुरू होने से कुछ उम्मीद भी जगी है.

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