Lucknow: यूपी में महिलाओं को शक्ति और सुरक्षा प्रदान करने के उद्देश्य से चलाए जा रहे मिशन शक्ति जागरकता अभियान का चौथा चरण शानदार रहा. अनेक कार्यकर्मों के द्वारा बेटियों और महिलाओं को स्वालंबी होने की जानकारी दी गई.
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Lucknow News: उत्तर प्रदेश में महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और आत्मनिर्भरता के लिए चलाए जा रहे मिशन शक्ति के चौथे चरण से लाखों महिलाएं लाभान्वित हुई. अभियान के इस चरण की शुरुआत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने 14 अक्टूबर को महिला सशक्तिकरण रैली रवाना कर की थी. अभियान के तहत महिलाओं को जरुरी सरकारी योजनाओं की जानकारी दी गई और हजारों शिकायतों का निपटान हुआ. कार्यक्रम में नुक्कड़ नाटक, लघु फिल्म, महिला एवं बाल सुरक्षा संगठन के थीम सॉन्ग, ध्वनि संदेश और परिचर्चा का आयोजन भी किया गया. यह कार्यक्रम ग्राम पंचायतों, वार्ड, मोहल्लों, स्कूल, कॉलेज के साथ रामलीला मंच और नवरात्र पंडालों में भी आयोजित हुए. कार्यक्रमों में हजारों पुलिस कर्मचारियों के साथ अन्य विभागों के अधिकारीयों को भी व्यवस्था बनाए रखने की जिम्मेदारी दी गई थी.
स्कूली बच्चों के साथ पूजा पंडालों में भी दिखा विशेष उत्साह
अभियान के तहत स्कूली बच्चों ने रैलियों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया, बच्चों को छेड़खानी के प्रति जागरूक करने के लिए गुड बैड टच की जानकारी दी गई. लगभग 47 हजार स्कूल और कॉलेज इस अभियान का हिस्सा बने. 2 लाख से अधिक पूजा पंडाल और रामलीला मंचों के साथ 1 लाख ग्राम पंचायतों और 36 हजार से ज्यादा वार्ड, मिशन शक्ति के इस चरण का हिस्सा बने. 62 हजार से अधिक रेलवे स्टेशन, बस स्टैंड और अन्य सावर्जनिक स्थलों पर भी यह कार्यक्रम चलाया गया.
महिलाओं की समस्याओं का हुआ निदान
उत्तर प्रदेश सरकार की महिला बीट कर्मियों ने 25 हजार से अधिक पीड़ित महिलाओं से से मुलाकात कर वास्तविक स्थिति की जानकारी ली. 32 हजार पीड़ित महिलाओं के परिवारों की कॉउंसलिंग की गई . 22 हजार पीड़िताओं को काउंसलिंग के साथ साथ जरुरी सहायता भी उपलब्ध करायी गई. महिला बीटकर्मियों को प्राप्त हुए 23 हजार शिकायती पत्रों से मिली शिकायतों का मौके पर ही निस्तारण किया गया.
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मिशन से जुड़े ग्रामीण इलाके
शक्ति अभियान के तहत ग्रामीण इलाकों एवं मलिन बस्तियों पर भी विशेष ध्यान दिया गया. अभियान के तहत बाल विवाह और अन्य बाल अपराधों को लेकर हजारों कार्यक्रम आयोजित किए गए. जिसमें लगभग 4 लाख लोगों ने प्रतिभाग किया. इन सभी विषयों पर जागरूकता फैलाने के लिए लघु फिल्मों और नुक्कड़ नाटकों को माध्यम बनाया गया.
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