Captain Anshuman Singh: पिछले दिनों सियाचिन में शहीद हुए कैप्टन अंशुमान सिंह को कीर्ति चक्र से सम्मानित किया गया था. जिसके बाद अंशुमान के माता और पिता का कहना था कि उनके बेटे की शहादत पर बहू को सेना द्वारा जो भी मदद मिली, उसके बाद वह अपने मायके चले गई थी. इस सब के बीच शहीद के पिता ने कहा कि अभी उनकी बहू की उम्र छोटी है वह चाहे तो दोबारा शादी कर के अपना संसार फिर से बसा सकती है. 
 
स्मृति नई जिंदगी शुरू कर सकती है
शहीद कैप्टन अंशुमन सिंह के पिता रवि प्रताप सिंह ने कहा कि उनकी बहू स्मृति को एक नई जिंदगी शुरू करनी चाहिए. पूर्ण वैधव्य असंभव है. मैंने स्मृति को बहू और बेटी दोनों माना है अभी वह महज 26 साल की है. वह शादी करना चाहेगी तो उसे बेटी की तरह विदा करेंगे.


COMMERCIAL BREAK
SCROLL TO CONTINUE READING

छोटे बेटे का बच्चा
उन्होंने यह भी कहा कि मैं छोटे बेटे की शादी उनसे करा सकता हूं अगर वे अंशुमान की यादों के साथ इसी घर में रहना चाहते हैं. मेरा छोटा बेटा स्मृति से 2 ही साल छोटा है. अगर स्मृति शादी नहीं करना चाहती है लेकिन फिर भी इसी घर में रहना चाहती हैं तो उसे देवर का पहले बच्चा उसके आंचल में सौंप देंगे. 


पिता के कॉलम में अंशुमन का नाम
हमारी विरासत देते समय भी हम उस बच्चे के पिता के कॉलम में अंशुमान का नाम लिखेंगे. रवि प्रताप ने कुछ दिन पहले बताया था कि उनके पास अपने बेटे के जाने के बाद कुछ भी नहीं है. राष्ट्रपति भवन में जाकर उन्हें पता चला कि बेटे का पता 5 फरवरी को बदल दिया गया था. जिसका उन्होंने विरोध भी किया था. उत्तर प्रदेश सरकार ने परिवार को पचास लाख रुपये दिए थे. 15 लाख रुपये अंशुमन सिंह के माता-पिता को और 35 लाख रुपये उनकी पत्नी स्मृति को दिए गए थे.


आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड
सेना के सूत्रों ने कहा कि एक करोड़ रुपये आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड के तहत दिए गए. 50 लाख रुपये अंशुमान के माता-पिता और पत्नी स्मृति को मिले. स्मृति को आम पेंशन मिलनी शुरू हो गई है. शहादत की कोर्ट ऑफ इन्क्वायरी के बाद स्वतंत्र पेंशन मिलेगी. रवि प्रताप ने एक इंटरव्यू में कहा कि हमें सरकार से कोई शिकायत नहीं है. हमें पुरस्कार मिलने तक संघर्ष करना पड़ेगा. आप चाहें तो दोनों को इसकी रेप्लिका दे सकते हैं.