फोन बेचने से पहले एक भूल बनी 1 कत्‍ल, 1 सुसाइड, 1 एनकाउंटर की वजह
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फोन बेचने से पहले एक भूल बनी 1 कत्‍ल, 1 सुसाइड, 1 एनकाउंटर की वजह

यह कहानी कई किरदारों और कई अलग घटनाओं में बंटी हुई है. यह कहानी चार किरदार और तीन जिलों की पुलिस के बीच उलझी हुई है.

प्रतीकात्‍मक तस्‍वीर

मेरठ: यह कहानी कई किरदारों और कई अलग घटनाओं में बंटी हुई है. चार किरदार और तीन जिलों की पुलिस के बीच उलझी इस कहानी को यहां सिलसिलेवार तरीके से पेश किया जा रहा है:

किरदार
शुभम- इस शख्‍स ने अपना मोबाइल अनुज प्रजापति को बगैर फॉर्मेट किये बेच दिया. फ़ोन में पूर्व प्रेमिका के साथ तस्वीरें थी, शुभम राइडर गैंग के मुख्य सदस्यों में से एक है.
अनुज प्रजापति- अनुज ने तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट कर दीं जो वायरल हो गईं.
सुसाइड करने वाली महिला- शुभम की पूर्व प्रेमिका थी लेकिन बाद में उसकी किसी और से शादी हो गई. पांच साल का एक बेटा भी है.
राइडर गैंग- इस गैंग ने मेरठ, सहारनपुर, मुज़फ्फरनगर, रुड़की, तक अपना खौफ फैला रखा था 20 से ज्यादा लूटों को अंजाम दे चुके थे.

इनसे जुड़ी घटनाओं को इस तरह समझ सकते हैं:

01) कुछ वक़्त पहले शुभम ने अपना मोबाइल बगैर फॉर्मेट करे अनुज प्रजापति नाम के आदमी को बेचा था, इस फ़ोन में कभी शुभम की प्रेमिका रही एक महिला के साथ शुभम की तस्वीरें फ़ोन की गैलरी में पड़ी रह गई थीं. जो फ़ोन के साथ अनुज के हाथ लग गईं और अनुज ने वो तस्वीरें सोशल मीडिया में पोस्ट कर दी और देखते-देखते वायरल हो गईं.

02) इसके बाद जब उस महिला को पता चला और उसकी बदनामी होना शुरू हुई तो उसने शुभम से इस बात की शिकायत की और काफी भला बुरा कहा. इससे शुभम ने तैश में आकर अपने राइडर गैंग के साथ मिलकर अनुज का मर्डर कर दिया.

03) अनुज के मर्डर की तफ्तीश में जुटी पुलिस को सीसीटीवी फुटेज मिला और कुछ तोड़े गए मोबाइल फ़ोन मिले, उन टूटे मोबाईल फ़ोन से मेरठ पुलिस को कुछ सुराग मिले जिनके सहारे पुलिस की जांच की आंच शुभम से होते हुए पूर्व प्रेमिका तक पहुंची.

04) पुलिस की जांच की जद में आने से शुभम की पूर्व प्रेमिका घबरा गई. उसे लगा कि वह मर्डर केस में भी फंस सकती है इससे तनाव में आकर उस महिला ने अपने पांच साल के बच्चे के साथ गंगनहर में छलांग लगा ली. बच्चा तो बच गया लेकिन महिला की मौत हो गई.

05) वहीं दूसरी तरफ शुभम और उसका राइडर गैंग जोकि अनुज प्रजापति मर्डर केस में वांछित थे, लगातार फरार चल रहे थे और हरिद्वार में छुपे हुए थे. राइडर गैंग वैसे ही पहले से पुलिस की नजरों में था और वांटेड था. इस लुटेरे राइडर गैंग की गिरफ़्तारी को लेकर मेरठ और उसके आसपास के जिलों की पुलिस आपस में संपर्क में थी. इसी क्रम में जब शुभम और उसका राइडर गैंग हरिद्वार से रुड़की होते हुए वापस आ रहे थे तो सहारनपुर पुलिस ने एनकाउंटर में इन्हें पकड़ा और पूरी कहानी सामने आई.

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