Baghpat News: पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ (Former President of Pakistan Pervez Musharraf) का जन्म भारत में हुआ था. पुरानी दिल्ली में मुशर्रफ के परिवार की आज भी पुश्तैनी हवेली मौजूद है. मुशर्रफ परिवार का नाता सिर्फ दिल्ली से ही नहीं है उनके भाई की संपत्ति यूपी में भी है. मीडिया खबरों के मुताबिक यूपी के बागपत में उनके भाई जावेद मुशर्रफ की दस बीघा जमीन को शत्रु संपत्ति निदेशालय द्वारा जब्त कर लिया है. इस जमीन की अब नीलामी कराई जाएगी. इसके अलावा रटौल व टांडा में मौजूद शत्रु संपत्ति का भी सर्वे कराया जा रहा है, जिससे एक साथ नीलामी हो सके. 


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पुरानी दिल्ली में हुआ था जन्म
पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुर्शरफ के पिता मुशर्रफुद्दीन और माता बेगम जरीन यूपी के कोताना गांव की रहने वाली थीं. दोनों का निकाह भी कोताना में हुआ था. साल 1943 में ये लोग दिल्ली जाकर रहने लगे थे. पुरानी दिल्ली में ही परवेज मुशर्रफ और उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ का जन्म हुआ. पुरानी दिल्ली में 1943 में जन्मे पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशरर्फ का बचपन चार साल तक यहीं पर बीता.  परानी दिल्ली में स्थित मुशर्रफ के घर को नहर वाली हवेली कहा जाता था. मुशर्रफ अपने पूरे परिवार के साथ इसी हवेली में रहा करते थे.आज भी उनकी पुस्तैनी हवेली है और उसमें कई परिवार रहते हैं. हालांकि अब हवेली का स्वरूप बदल गया है.


देश के बंटवारे में पाकिस्तान में बसा मुशर्रफ परिवार
उनका परिवार साल 1947 में बंटवारे के समय पाकिस्तान में जाकर बस गया था.  मगर दिल्ली के अलावा उनके परिवार की हवेली और खेती की जमीन कोताना में थी. इसमें परवेज मुशर्रफ की जमीन बेच दी गई तो उनके भाई डॉ. जावेद मुशर्रफ की करीब दस बीघा खेती की जमीन बच गई.  हवेली उनके चचेरे भाई हुमायूं के नाम पर हो गई.


जमीन शत्रु संपत्ति में दर्ज
अब डॉ. जावेद मुशर्रफ की जमीन को शत्रु संपत्ति में दर्ज कर दिया गया था, जिसको अब जब्त करने की कागजी कार्रवाई की गई है. साथ ही इस जमीन का सर्वे किया गया, जिससे उसको नीलाम करने की तैयारी है. परवेज मुशर्रफ के भाई जावेद मुशर्रफ की जमीन को लेकर पूरी कार्रवाई लखनऊ से शत्रु संपत्ति निदेशालय से चल रही है. अब इसमें भू-लेख विभाग की टीम को लगाया गया, जो पूरे कागजात तैयार करने में जुटे हैं. शत्रु संपत्ति निदेशालय की टीम यहां सर्वे कर रही है.


बस बची है हवेली की दीवार 
परवेज मुशर्रफ के पूर्वज जिसमें रहते थे, वह कभी बहुत बड़ी हवेली हुआ करती थी. अब बस हवेली की दीवार बची है. कुर सीढ़ी भी दिखाई देती हैं. खबरों के मुताबिक टांडा व रटौल की शत्रु संपत्ति का भी सर्वे किया जाएगा. इन सर्वे के बाद उसे नीलाम किया जा सके.


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