एक मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट प्रति मिनट में 40 लीटर ऑक्सीजन की उत्पादन करता है. इस मशीन की प्रति घंटे 24 सौ लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने की क्षमता होगी.
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नई दिल्ली: हम सब जानते हैं कि कोरोना से हालात बेहद खराब होते जा रहे हैं. कोरोना संक्रमण के मामले में इस समय पूरी दुनिया में भारत नंबर वन पर आ गया है. देश भर के अस्पतालों में ऑक्सीजन की कमी देखी जा रही है. वायरस के चपेट में आए लोगों की उखड़ती सांसें टूटने की कगार पर हैं. इस संकट की घड़ी में भारतीय सेना आगे बढ़कर काम कर रही है. इसी कड़ी में जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट का आयात सेना करने जा रही है.
लाए जा रहे हैं 23 मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट
रक्षा मंत्रालय के अधिकारियों ने शुक्रवार को बताया कि जर्मनी से 23 मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट्स को एयरलिफ्ट करने का फैसला किया है. क्योंकि कोरोना वायरस के मामलों में भारी उछाल के कारण मेडिकल ऑक्सीजन की भारी कमी हो गई है.
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एक घंटे 24 सौ लीटर होगी उत्पादन क्षमता
अधिकारियों के मुताबिक, एक मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट प्रति मिनट में 40 लीटर ऑक्सीजन का उत्पादन करता है. इस मशीन की प्रति घंटे में 24 सौ लीटर ऑक्सीजन उत्पादन करने की क्षमता होगी. यानी इसकी मदद से 20-25 मरीजों के लिए ऑक्सीजन की हर समय आपूर्ति होती रहेगी.
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आसानी से ले जा सकते हैं एक जगह से दूसरी जगह
मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को आसानी से एक जगह से दूसरी जगह ले जा सकते हैं. यानी जिस भी अस्पताल में ऑक्सीजन की कमी हो होगी, वहां मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट को भेज दिया जाएगा. इन्हें कोविड-19 मरीजों का इलाज करने वाले आर्म्ड फोर्स मेडिकल सर्विस (AFMS) के अस्पतालों में स्थापित किया जाएगा.
कब तक भारत पहुंचेगा मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट?
सेना के एक अधिकारी के अनुसार मोबाइल ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट एक हफ्ते में भारत पहुंचने की उम्मीद है. जरूरी कागजी कार्य के पूरा होने पर भारतीय वायु सेना को जर्मनी से प्लांट लाने के लिए विमान को तैयार रखने के लिए कहा गया है. उन्होंने बताया कि विदेशों से और ऑक्सीजन प्रोडक्शन प्लांट की खरीद की जा सकती है.
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